
ST.News Desk

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए एक अहम पहल की है। मुख्यमंत्री ने एक बैठक के दौरान ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसी कैब कंपनियों के साथ दिल्ली-एनसीआर में निजी बस सेवाएं शुरू करने की संभावना पर चर्चा की।
दरअसल, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद जैसे एनसीआर क्षेत्रों से हर दिन लाखों लोग निजी गाड़ियों और टैक्सियों के जरिए दिल्ली के दफ्तरों तक पहुंचते हैं। इससे सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ता है और प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक हो जाता है। ऐसे में दिल्ली सरकार चाहती है कि ओला और उबर जैसी कंपनियां निजी बस सेवाएं शुरू करें, जिससे निजी वाहनों की संख्या कम हो और लोगों को सार्वजनिक परिवहन का बेहतर विकल्प मिल सके।
PUC नियमों पर सख्त रुख
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) नियमों पर भी सख्ती के संकेत दिए हैं। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि PUC सर्टिफिकेट न रखने वाले वाहन चालकों पर 10,000 रुपये का चालान अनिवार्य रूप से काटा जाए। अभी तक कई मामलों में लोग लोक अदालत के माध्यम से मात्र 100 रुपये देकर चालान माफ करा लेते हैं, लेकिन सरकार अब इस ढील को खत्म करना चाहती है ताकि अधिक से अधिक लोग PUC सर्टिफिकेट बनवाएं और प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग करें।
क्यों जरूरी है यह कदम?
सरकार का मानना है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार के लिए केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी और नियमों का सख्ती से पालन भी जरूरी है। निजी बस सेवाओं का विस्तार और भारी जुर्माने का प्रावधान, दोनों मिलकर राजधानी में प्रदूषण और ट्रैफिक जाम को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

