भारत से दुश्मनी करना बहुत महंगा पड़ सकता है: कनाडा और बांग्लादेश में संकट
भारत से दुश्मनी करने के परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं, जैसा कि हाल ही में कनाडा और बांग्लादेश में देखा गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जो भारत के खिलाफ बयानबाजी कर चुके थे, अब सत्ता से बाहर हो गए हैं। उन्होंने खालिस्तान के मुद्दे पर भारत को लेकर आलोचनाएं की थीं, जिसका परिणाम उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के रूप में सामने आया। उनकी पार्टी के ही नेताओं ने उनके खिलाफ बगावत की, जिसके चलते उन्हें प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा।
दूसरी तरफ, बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस, जो सत्ता के चेहरे हैं, कट्टरपंथी ताकतों के साथ अपने संबंधों को लेकर विवादों में घिर गए हैं। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने न सिर्फ धार्मिक उन्माद फैलाया है, बल्कि संगीत कंसर्ट जैसे सांस्कृतिक आयोजनों को भी इस्लाम विरोधी बताकर रुकवाया। हाल ही में नील फमारी शहर में आयोजित म्यूजिक कंसर्ट को कट्टरपंथियों ने इस वजह से बंद करवा दिया क्योंकि उन्हें डर था कि कंसर्ट में भारतीय संगीत बज सकता है और लोग झूम सकते हैं।
मोहम्मद यूनुस, जो कट्टरपंथी ताकतों को हवा दे रहे हैं, बांग्लादेश में हिंदू विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं और भारत के खिलाफ भी आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। उनका यह रवैया भारतीय कूटनीतिक ताकत से डर के संकेत दे रहा है, जैसा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे से साफ हो गया है। यूनुस के इस रवैये के परिणाम बांग्लादेश के लिए भी उतने ही खतरनाक हो सकते हैं जितने कनाडा के लिए थे।
यूनुस की घबराहट हाल के एक इंटरव्यू में भी दिखाई दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय मूल के कई सदस्य बांग्लादेश की कैबिनेट में होने और भारत-बांग्लादेश संबंधों के अच्छे होने से उन्हें खतरा हो सकता है। उनके इस बयान से साफ है कि बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतें सक्रिय हैं, और यूनुस उनका समर्थन कर रहे हैं।
भारत से दुश्मनी करने वाले देशों को अंततः कड़ी सजा मिलती है, जैसा कि कनाडा और बांग्लादेश के हालात दिखा रहे हैं।