नई दिल्ली। सिविल लाइंस स्थित 6 फ्लैग स्टाफ रोड बंगले को आखिरकार बुधवार देर शाम प्रशासन ने सील कर दिया है। इस बंगले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहते थे। बंगले को खाली कराने व पुर्नआवंटन में लापरवाही के आरोप में केजरीवाल के विशेष सचिव प्रवेश रंजन झा, सेक्शन अधिकारी विजय कुमार एवं मुकेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बंगला सील होने के बाद सीएम आतिशी के कार्यालय ने जारी बयान में आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर मुख्यमंत्री का आवास खाली करा लिया गया है। बंगले में स्थित सीएम के कैंप कार्यालय को भी हटा दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल इस बंगले को भाजपा के नेता को आवंटित करना चाहते हैं। हालांकि बुधवार को सुबह प्रदेश भाजपा ने इस बंगले के सील कराकर जांच करने की मांग की थी।
बंगले को खाली कराने को लेकर चल रही सियासत के बीच प्रशासन ने बुधवार देर शाम बंगले को सील कर दिया। आरोप है कि प्रशासन ने मुख्यमंत्री आतिशी का सामान भी बंगले से बाहर कर दिया और सीएम के कैंप कार्यालय को भी हटा दिया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कई सामान बंगले में रखा था, उसे भी हटा दिया गया है। राजनिवास सूत्रों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने नोटिस जारी कर कहा है कि 6 फ्लैग स्टाफ रोड सीएम आवास नहीं है। इस संपत्ति का स्वामित्व पीडब्ल्यूडी के पास है। नियमानुसार सरकारी आवास खाली होने पर उनका कब्जा पीडब्ल्यूडी लेता और उसे पुन: तैयार कर पात्र व्यक्ति को आवंटित करता है। सूत्रों का दावा है कि केजरीवाल ने बंगले को खाली करने का जो दावा किया है वह गलत है। केजरीवाल ने विधिवत तरीके से बंगले का कब्जा पीडब्ल्यूडी को नहीं सौंपा है। वह छिपाना चाहते हैं।
राजनिवास सूत्रों का कहना है कि यह बंगला अभी तक आतिशी के नाम पर आवंटित नहीं है। मौजूदा समय में आतिशी के पास मथुरा रोड स्थित 17एबी आवास है। नियमानुसार दो सरकारी आवास आवंटित नहीं हो सकते हैं। पीडब्ल्यूडी की बगैर अनुमति आतिशी ने अपना सामान बंगले में रख लिया था और बाद में उन्होंने खुद ही हटा लिया है। सूत्रों का कहना है कि आप को आस्त कर दिया गया है कि बंगले की विधिवत इंवेंट्री तैयार होने के बाद उसे मुख्यमंत्री को आवंटित कर दिया जाएगा।