हरियाणा चुनाव के नतीजों को लेकर उठाए जा रहे सवालों को लेकर खरगे को लिखा पत्र
नई दिल्ली । निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों को अस्वीकार्य बताने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयान देश के समृद्ध लोकतांत्रिक इतिहास में पहले नहीं सुने गए और ये बोलने की स्वतंत्रता की वैधानिकता से भी परे हैं। उधर, देर शाम कांग्रेस ने असंतोष जताते हुए बुधवार को चुनाव आयोग में शिकायत की और जांच होने तक ईवीएम मशीनों को सील रखने का आग्रह किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजरुन खरगे को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि पार्टी नेताओं जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ऐसी टिप्पणियां वैधानिक और नियामक चुनावी ढांचे के अनुसार व्यक्त की गई ‘लोगों की इच्छा को अलोकतांत्रिक तरीके से खारिज करने’ की ओर ले जाती हैं। आयोग ने कहा कि उसने खरगे और राहुल गांधी के बयानों पर भी गौर किया है, जिनमें हरियाणा के नतीजों को ‘अनपेक्षित’ बताया गया है और पार्टी ने इसका विश्लेषण करने तथा अपनी शिकायतों के साथ निर्वाचन आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखा है। आयोग ने कहा कि कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की ओर से बैठक के लिए उससे समय मांगा गया है, जिसमें परिणाम को अस्वीकार्य बताने वाले लोग भी शामिल हैं। खरगे को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘यह मानते हुए कि पार्टी अध्यक्ष का बयान चुनावी नतीजों पर पार्टी का औपचारिक रुख है।’
उधर कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव की मतगणना पर असंतोष जताते हुए बुधवार को चुनाव आयोग में शिकायत की और जांच होने तक ईवीएम मशीनों को सील रखने का आग्रह किया। पार्टी ने आयोग के समक्ष ईवीएम की आखिर तक बैटरी फुल होने का मुद्दा रखा है। बुधवार की शाम छह बजे कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, वरिष्ठ नेता अजय माकन, जयराम रमेश और पवन खेड़ा शिकायत करने चुनाव आयोग पहुंचे। वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ऑन लाइन इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल हुए। इस प्रतिनिधिमंडल में महासचिव कुमारी सैलजा शामिल नहीं हुई। उनकी अनुपस्थिति के बारे में सवाल किए जाने पर पार्टी नेताओं ने कोई जवाब नहीं दिया। चुनाव आयुक्तों से मिलने के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बताया कि आयोग को 30 विधानसभा सीटों की मतगणना का संज्ञान लेने के लिए कहा गया है।