
हैदर अली, संचार टाइम्स ब्यूरो रोहतास

रोहतास ज़िले की पुलिस जिस तरह से खटारा गाड़ियों के सहारे अपराध नियंत्रण का दावा कर रही है, वह हैरान करने वाला है। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि सासाराम के समाहरणालय परिसर का लाइव नज़ारा है। जहां दिनारा थाना की एक पुलिस गाड़ी को धक्का मारकर स्टार्ट करने की कोशिश की जा रही थी। पुलिसकर्मी और अन्य लोग मिलकर वाहन को धक्का दे रहे थे, ताकि वह किसी तरह चालू हो सके।
दरअसल, बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर समाहरणालय में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में जिले के विभिन्न थानों से पुलिस अधिकारी पहुंचे थे। लेकिन दिनारा थाना की यह गाड़ी समाहरणालय परिसर में ही बंद हो गई, जिसे धक्का मारकर स्टार्ट करने की कोशिश की गई। इस दृश्य को देखकर लोग यह सवाल उठाने लगे कि जब पुलिस खुद संसाधनों की कमी से जूझ रही है, तो अपराधियों से कैसे लोहा लेगी?
सरकार एक ओर पुलिस बल को आधुनिक बनाने और स्मार्ट policing की दिशा में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग नज़र आ रही है। रोहतास पुलिस की खटारा गाड़ियों की यह हालत बता रही है कि अब भी संसाधनों और रखरखाव की भारी कमी है।
यह मामला सिर्फ एक वाहन तक सीमित नहीं, बल्कि पुलिस तंत्र में गहराई तक फैली अव्यवस्था की ओर इशारा करता है, जिसे नजरअंदाज करना अब संभव नहीं।
