नई दिल्ली (ST.News Desk)। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि शालीमारबाग, शीशमहल के जीर्णोद्धार का काम तेजी हो रहा है और साल के आखिर तक उन्हें आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। उपराज्यपाल ने शनिवार को वहां का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उपराज्यपाल ने जीर्णोद्धार के कार्य की गति पर संतोष व्यक्त किया है। यह कार्य दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) व एएसआई के साझा प्रयास से किया जा रहा है। जीर्णोद्धार के इस कार्य में राजस्थान के 30 से अधिक कारीगर लगे हैं। उपराज्यपाल ने उम्मीद जताई है कि यह ऐतिहासिक स्थल एक बार जीवंत होगा और भारी संख्या में लोग इसे देखने के लिए पहुंचेंगे।
उन्होंने बताया कि राजधानी के उत्तर-पश्चिमी इलाके में स्थित शालीमार बाग में 150 एकड़ में पुनस्र्थापित और पुर्नजीवित किया गया यह एक मनोरंजक हराभरा क्षेत्र होगा। उनका कहना था कि जल्द ही इसका कायाकल्प होता दिखेगा। उपराज्यपाल इस काम की लगातार निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीर्णोद्धार का कार्य इसी साल जनवरी में शुरू हुआ और उम्मीद है कि साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा। यह जगह कभी वास्तुकला की भव्यता को दर्शाती थी। यहां का चारबाग गार्डन जहां सम्राट औरंगजेब का राज्यभिषेक हुआ था। राजनिवास के अधिकारी ने बताया कि मुख्य भवन के पीछे एक कुआं भी है, जिसमें रस्सी से पानी खींचकर मुख्य भवन की छत पर स्टोर किया जाता था। वहां से पानी को ऊंचाई से भवन के सामने बने विभिन्न चैनलों में छोड़ा जाता था।
पानी ऊंचाई से गिरने की वजह से प्रेशर के साथ वही पानी फव्वारों से निकलता था। जीणर्ोेद्धार का यह पूरा कार्य डीडीए के सहयोग से एएसआई कर रही है। इस ऐतिहासिक उद्यान का पुराना गौरव लौटाने की कवायद चल रही है। इसे मुगल सम्राट शाहजहां की पत्नी अकबरबादी बेगम ने बनवाया था। उन्होंने बताया कि यहां कभी एक जलाशय भी थी, जो चारबाग शैली के बगीचे के वाटर चैनल और फव्वारों से जुड़ा था। इसे पुनर्जीवित करने का काम भी चल रहा है। अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल राजधानी की परंपरागत संस्कृति के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। महरौली पुरातत्त्व पार्क, दक्षिणी दिल्ली के शालीमार बाग और संजय वन से थोड़ी दूरी पर स्थित रोशनआरा बाग में भी इसी तरह जीर्णोद्धार का कार्य तेजी से चल रहा है।