crossorigin="anonymous"> एस.एम.एस. लखनऊ में ‘प्रिंसिपल्स कान्क्लेव-2025’ का आयोजन, शिक्षाविदों ने साझा किए विचार - Sanchar Times

एस.एम.एस. लखनऊ में ‘प्रिंसिपल्स कान्क्लेव-2025’ का आयोजन, शिक्षाविदों ने साझा किए विचार

Spread the love

अतिथियों ने विकसित भारत के लिए शिक्षा की पुनर्कल्पना पर चर्चा की

प्रदीप कुमार सिंह
लखनऊ ब्यूरो (sanchartimes.news)

एस.एम.एस. लखनऊ और लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन (LMA) के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘रिइमेजनिंग एजूकेशन फॉर विकसित भारत: प्रिपेयरिंग फ्यूचर लर्नर्स’’ विषय पर प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव-2025 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लखनऊ और अन्य जिलों से लगभग 200 प्रधानाचार्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. (डॉ.) विक्रम सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक, उ.प्र. और चांसलर नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी उपस्थित रहे। अन्य सम्मानित अतिथियों में श्री ए.के. माथुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, एल.एम.ए., कर्नल डॉ. ज़ाहिद सिद्दीकी (से.नि.), लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, और श्रीमती सोना सेठ, उपायुक्त केन्द्रीय विद्यालय संगठन, लखनऊ भी शामिल थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। एस.एम.एस. लखनऊ के निदेशक प्रो. (डॉ.) आशीष भटनागर ने उद्घाटन भाषण में इस प्रकार के कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से शैक्षिक समाज को अपने विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलता है, जिससे विकसित भारत-2047 की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण तैयार किया जा सकता है।

मुख्य वक्ता डॉ. विक्रम सिंह ने शिक्षा की पुनर्कल्पना पर जोर दिया

मुख्य वक्ता डॉ. विक्रम सिंह ने कार्यक्रम के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि विकसित भारत-2047 के लिए प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की पुनर्कल्पना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षाविदों से अपील की कि वे शिक्षा की इस नई दिशा में सहयोग करें, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव संभव हो सके। डॉ. सिंह ने बताया कि प्रिंसिपल्स और शिक्षाविदों की भूमिका इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है।

पैनल चर्चाओं में शैक्षिक नवाचारों और विकास की दिशा पर विचार-विमर्श

कार्यक्रम में एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें मॉडरेटर डॉ. धीरज मेहरोत्रा, रीजनल हेड, अडानी जेम्स एजूकेशन के साथ-साथ डॉ. मेहनाज़ रहमान, प्रधानाचार्या, बिरला इंटरनेशनल स्कूल, जम्मू-कश्मीर, सुश्री गुंजाली कोठारी, संस्थापक-फ्लैशएड, और सुश्री हर्षना लूम्बा, प्रधानाचार्य, सनबीम स्कूल, वाराणसी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। दूसरी परिचर्चा का संचालन डॉ. मंजुला उपाध्याय, प्रधानाचार्या, नवयुग कन्या महाविद्यालय ने किया, जिसमें सुश्री पूनम गौतम, प्रधानाचार्या, सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल की डॉ. मंजू लखनपाल और अवध पब्लिक स्कूल से डॉ. मेघा शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए।

एस.एम.एस. लखनऊ के सचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शरद सिंह ने संस्थान की शिक्षा में नवाचारों और छात्रों द्वारा किए गए शोध कार्यों के समर्थन पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान का लक्ष्य विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रारंभिक से लेकर उच्च शिक्षा तक सहयोगात्मक आविष्कारों को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षकों और छात्रों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, और रोबोटिक्स ब्रेन मैपिंग जैसे प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई। संस्थान द्वारा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज एयर-ओ-बाईक जैसे पेटेंट्स को भी प्रदर्शित किया गया।

अंत में, संस्थान के एसोसिएट डॉयरेक्टर डॉ. धर्मेन्द्र सिंह ने सभी अतिथियों और सहयोगियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें संस्थान के सभी शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ उपस्थित थे।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *