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समाज के मार्गदर्शक हैं शिक्षक : शैक्षिक संवाद मंच द्वारा शिक्षक सम्मान एवं पुस्तक विमोचन समारोह

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पुस्तक ‘नदी बहने लगी है’ का विमोचन

84 शिक्षकों को मिला गिजुभाई बधेका सम्मान

प्रदीप कुमार सिंह
लखनऊ ब्यूरो (संचारटाइम्स.न्यूज) :
शैक्षिक संवाद मंच द्वारा 6 अक्टूबर को आयोजित शिक्षक सम्मान एवं पुस्तक विमोचन समारोह में उन शिक्षकों और शिक्षिकाओं को हर वर्ष सम्मानित किया जाता है जो विद्यालय को आनंद घर कार्यक्रम के अनुरूप विकसित करने में योगदान देते हैं। इस वर्ष, कार्यक्रम में श्री दुर्गेश्वर राय द्वारा संपादित पुस्तक नदी बहने लगी का विमोचन भी किया गया।

समारोह के अति विशिष्ट अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने अपने उद्गार में कहा कि शिक्षा व्यक्ति और समाज का निर्माण करती है, और शिक्षक समाज के मार्गदर्शक होते हैं। उन्होंने शिक्षकों के शैक्षिक समर्पण, रचनात्मकता और राष्ट्र निर्माण में योगदान को सराहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती एवं गिजुभाई बधेका के चित्रों पर माल्यार्पण से हुआ। शैक्षिक संवाद मंच के संरक्षक रामकिशोर पांडेय ने मंच की विकास यात्रा और ‘विद्यालय बनें आनंदघर’ के ध्येय पर विचार प्रस्तुत किए।

समारोह में वरिष्ठ बाल साहित्यकार बंधु कुशावर्ती की अध्यक्षता में कविता संग्रह नदी बहने लगी है का विमोचन किया गया। इस अवसर पर 84 शिक्षकों को गिजुभाई बधेका राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान-2024 और 48 रचनाकारों में से 38 को ‘काव्य सरिता सम्मान’ प्रदान किया गया। सम्मान में स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र, मेडल और पुस्तक प्रतियां शामिल थीं।

मुख्य अतिथि डॉ. जाकिर अली रजनीश ने शिक्षकों की रचनाओं की सराहना की और नवीन तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया। बंधु कुशावर्ती ने शिक्षकों को गिजुभाई बधेका के आदर्शों के अनुसार शिक्षा में उत्कृष्टता की दिशा में काम करने का आह्वान किया।

इस कार्यक्रम में 100 से अधिक शिक्षकों और रचनाकारों ने भाग लिया। समारोह में ‘बाल उमंग’ पत्रिका का भी विमोचन किया गया। अंत में, आभार प्रदर्शन विनीत कुमार मिश्रा ने किया।

समारोह की देख-रेख में विकास त्रिपाठी, वैशाली मिश्रा, अमित प्रजापति समेत अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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