crossorigin="anonymous"> "आतंक के केंद्र को जिम्मेदारी का तमगा: पाकिस्तान बना UN आतंक विरोधी समिति का उपाध्यक्ष, अमेरिका की बैन लिस्ट से भी बाहर" - Sanchar Times

“आतंक के केंद्र को जिम्मेदारी का तमगा: पाकिस्तान बना UN आतंक विरोधी समिति का उपाध्यक्ष, अमेरिका की बैन लिस्ट से भी बाहर”

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ST.News Desk : पाकिस्तान को हाल ही में एक ओर अंतरराष्ट्रीय कर्ज और मित्र देशों से ड्रोन सहायता मिली, वहीं अब संयुक्त राष्ट्र ने उसे आतंकवाद विरोधी समिति (CTED) का उपाध्यक्ष नियुक्त कर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। यह नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है, और इसका निर्णय समिति के सदस्य देशों द्वारा किया गया।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और सात अन्य देशों पर वीज़ा सीमाएं लागू करने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रतिबंधित देशों में अधिकांश मुस्लिम देश शामिल हैं, जैसे ईरान, अफगानिस्तान, यमन, सोमालिया, लेकिन पाकिस्तान का नाम इस सूची से बाहर है। अमेरिका ने यह प्रतिबंध आतंकी गतिविधियों और अस्थिर सरकारों के कारण लगाए हैं, मगर आतंकवाद का गढ़ माने जाने वाले पाकिस्तान को इस सूची में शामिल न करना सवालों के घेरे में है।

आश्चर्यजनक रूप से, जिस देश में ओसामा बिन लादेन मारा गया, जहां हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद जैसे वैश्विक आतंकी खुलेआम घूमते हैं, वही पाकिस्तान अब यूएन की ओर से अन्य देशों को आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने की सलाह देगा।

यह स्थिति “बंदर के हाथ में उस्तरा” जैसी कहावत को चरितार्थ करती है — जहां आतंकवाद का पोषक देश अब वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की रूपरेखा तैयार करेगा। इससे संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और उसकी गंभीरता पर भी वैश्विक स्तर पर सवाल उठना स्वाभाविक है।


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