
रोहतास
हैदर अली, रोहतास ब्यूरो संचार टाइम्स

रोहतास जिले के बिक्रमगंज में आयोजित संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली में राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए के भीतर चल रही अंतर्कलह का इशारों में खुलासा कर दिया। मंच से दिए गए उनके तीखे और उतावले भाषण ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
कुशवाहा ने कहा, “जिस नईया पर हम बैठे हैं, उसी पर सब सवार हैं। नईया डूबेगी तो सिर्फ उपेंद्र कुशवाहा नहीं, बाकी सब भी डूबेंगे।” उन्होंने विरोध करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा, “अंगुली दिखाने वाले की अंगुली तोड़ दी जाएगी।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले चुनाव में कुछ लोग भटक गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने न्यायालय के खिलाफ आवाज उठाने वालों की आलोचना की और खुद को संघर्षशील बताते हुए कहा, “मैं जेल जाने से नहीं डरता।”
कुशवाहा का गुस्सा यहीं नहीं थमा। उन्होंने कहा, “मैं कदुवा के भतिया नहीं हूं कि कोई तोड़कर फेंक देगा या अंगुली दिखाने से सूख जाऊंगा।” उनके शब्दों और तेवरों से स्पष्ट था कि वह एनडीए के अंदर अपने विरोधियों से नाराज हैं।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के प्रस्तावित बिक्रमगंज दौरे से ठीक चार दिन पहले इस रैली का आयोजन और उपेंद्र कुशवाहा का आक्रामक भाषण कोई संयोग मात्र नहीं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, परंतु उनका निशाना सीधे NDA के सहयोगी दलों के नेताओं की ओर था।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह भाषण पिछले चुनाव में मिली करारी हार की झल्लाहट भी दर्शाता है और NDA में चल रही अंदरूनी खींचतान का संकेत भी। मंच से कुशवाहा का यह प्रहार ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ की कहावत को चरितार्थ करता नजर आया।
फिलहाल एनडीए की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कुशवाहा के इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल जरूर पैदा कर दी है।
