अगर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, तो इसका प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी दिखाई देता है
हमारी मानसिक स्वास्थ्य का हमारे समग्र स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, तो इसका प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी दिखाई देता है। अक्सर लोग समझ नहीं पाते कि उनके साथ क्या हो रहा है, जिससे इलाज में कठिनाई होती है।
जब हम मानसिक स्वास्थ्य की बात करते हैं, तो एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसे शब्द सामने आते हैं। हालांकि, बहुत से लोग इन्हें एक ही समझ लेते हैं, लेकिन दोनों में स्पष्ट अंतर है।
एंग्जायटी के लक्षण
एंग्जायटी में व्यक्ति भविष्य के बारे में चिंता करने लगता है और उसे डर सताता है। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
बेचैनी और चिड़चिड़ापन : एंग्जायटी का पहला लक्षण आमतौर पर बेचैनी होता है।
एकाग्रता में कमी : चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
नींद में परेशानी : अक्सर नींद में दिक्कत होती है।
शारीरिक लक्षण : दिल की धड़कनें बढ़ना, पसीना आना और सीने में भारीपन महसूस होना।
डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति अपने जीवन को निराशाजनक समझता है। इसके प्रमुख लक्षण हैं:
काम में अरुचि: व्यक्ति का मन किसी भी काम में नहीं लगता।
खाने-पीने में कमी: भोजन का मन नहीं करता और थकान बनी रहती है।
मूड ख़राब रहना : खुशी देने वाली चीजों में भी आनंद का अनुभव नहीं होता।
एंग्जायटी और डिप्रेशन का संयोजन
विशेषज्ञों के अनुसार, एंग्जायटी और डिप्रेशन अक्सर एक साथ हो सकते हैं। तनाव के कारण दोनों समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए योग और अन्य तनाव-प्रबंधन तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है।
रोगोपचार
एंग्जायटी और डिप्रेशन का इलाज संभव है। इसे एक टैबू न समझें। डॉक्टर दवाइयों और टॉक थेरेपी का संयोजन सुझा सकते हैं। हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही उपचार शुरू करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी लक्षणों के लिए हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें।