काशी ज्ञानवापी मामले में जिस जगह पर पूजा पाठ चल रही है वहां पर मूर्तियों को स्थापित कर दिया गया है। ट्रेजरी से व्यास तहखाने में 8 मूर्तियों को लाया गया है। सर्वे में व्यास तहखाने में 10 मूर्तियां मिली थी। शिव, गणेश, विष्णु, हनुमान की खंडित मूर्तियां हैं। आपको बता दें कि सर्वे में मिली 10 मूर्तियों में से फिलहाल 8 को वापस लाकर स्थापित किया गया है। जिसकी पूजा चल रही है। जिन मूर्तियों को स्थापित किया गया है वो सभी मूर्तियां खंडित हैं। जिनमें दो शिवलिंग और दो हनुमान जी की मूर्ति बताई जा रही है। एक खंडित मूर्ति भगवान विष्णु की है। एक लक्ष्मी जी की और एक गणेश जी की प्रतिमा है। राम लिखे जिस शिलापठ को एएसआई ने इस तहखाने से लिया था, उसका भी पूजन चल रहा है। सिर्फ मूर्तियों की ही पूजा नहीं बल्कि ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में 9 दिनों के रामायण का अखंड पाठ भी शुरू हो चुका है।
अखंड रामायण के पाठ के लिए चार-चार घंटे की पूजारी की शिफ्ट लगाई जाएगी। जिसमें 6 पूजारी लगातार 9 दिनों के इस अखंड रामायण के पाठ को कर रहे हैं। 1993 के पहले तीन बार इस तहखाने में रामायण का पाठ होता था। ऐसा हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया गया। ठीक वैसा ही कुछ अब फिर से देखने को मिल रहा है।
इससे पहले आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति को राहत देने से इनकार कर दिया, जिसने वाराणसी अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसने हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दी थी। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने महाधिवक्ता को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर और बाहर कानून व्यवस्था बनाए रखने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।