एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कर रहे हैं विरोध
ST.News Desk : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसे लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। इस संदर्भ में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि वे बिल आने पर संसद में अपना रुख तय करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों के दौरान असंवैधानिक कदम उठाए जा रहे हैं और लोकतंत्र को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।
तेजस्वी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करती है, तो भविष्य में ‘एक राष्ट्र, एक पार्टी’ और ‘एक राष्ट्र, एक नेता’ की मांग भी की जा सकती है। उन्होंने सवाल उठाया कि झारखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र के चुनाव अभी क्यों नहीं कराए गए हैं, यह दिखाता है कि बीजेपी लोगों का मतदान का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।
राजद सांसद मनोज झा ने इस बात पर जोर दिया कि 1962 के बाद से एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था टूट गई है, जब एक दल का प्रभुत्व समाप्त हुआ और क्षेत्रीय दलों ने सरकारें बनानी शुरू कीं। उन्होंने यह भी पूछा कि यदि कोई सरकार गिरती है, तो क्या राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा या राज्यपाल के माध्यम से सरकार चलायी जाएगी?
झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश संघीय ढांचे पर आधारित है और इस तरह के फैसले साम्राज्यवाद की ओर धकेल रहे हैं। उन्होंने इसे संविधान पर हमला बताते हुए कहा कि यह न तो संभव है और न ही व्यावहारिक।