
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कोऑपरेटिव सेक्टर (सहकारिता क्षेत्र) खुद भी रिवाइव होना चाहता है और सुधारों का स्वागत करता है। यह बात उन्होंने दिल्ली में सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक कार्यालय (सीआरसीएस) के नए भवन का उद्घाटन करने के मौके पर कही।
सहकारिता मंत्री ने कहा, अगर सहकारिता क्षेत्र अपनी विसनीयता खो देता है तो विस्तार तो होगा ही नहीं, साथ ही उसके अस्तित्व का संकट भी सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा, मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसाटीज़ के लिए बनाए गए नए कानूनों को सभी राज्यों ने राजनीति से ऊपर उठकर स्वीकार किया और सहयोग किया है। इससे सहकारिता क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
अमित शाह ने कहा, मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी से संबंधित एडमिनिस्ट्रेशन, कम्युनिकेशन और पारदर्शिता में कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने ‘कलेक्टिव प्रॉसपेरिटी : द लीगेसी ऑफ इंडियन को-ऑपरेटिव’ नाम की पुस्तक का भी विमोचन किया। सहकारिता मंत्री ने कहा, भारतीय भाषाओं में इस पुस्तक का अनुवाद होने के बाद इसकी स्पिरिट को हमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) और सभी छोटी से छोटी इकाइयों तक पहुंचाने के प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में लाए गए सभी सुधारों में सभी राज्यों ने राजनीति से ऊपर उठकर सहकारिता मंत्रालय को समर्थन दिया है। ऐसे समय में सहकारिता क्षेत्र में एक नया आत्मविास पैदा करने की ज़रूरत है। सहकारिता मंत्री ने कहा, ये पुस्तक पूरे सहकारिता क्षेत्र में आत्मविास भरने में बहुत उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने पिछले 30 महीनों में 60 पहल की है और पिछले 9 वर्षो में मोदी जी ने सहकारिता क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी भूमिका बनाकर हमारे सामने रखी है। उन्होंने कहा, मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी के तहत हर संस्था का उपभोक्ता कमोबेश मध्यम वर्ग, उच्च-मध्यम वर्ग और गरीब तबके का है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने पिछले 9 सालों में सभी ज़रूरी सुविधाएं देकर देश के करोड़ों गरीबों के जीवन को बहुत सरल बना दिया है। इन करोड़ों गरीबों को पूंजी के बिना देश के विकास में योगदान देने में सक्षम बनाने की क्षमता सिर्फ सहकारिता में है।
उन्होंने कहा, सहकारिता क्षेत्र में मानवता के साथ सभी व्यवस्थाएं बनाने की क्षमता है। अमित शाह ने कहा, पिछले 2 वर्षो में सहकारिता क्षेत्र में कई अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा, देश सहकारिता के हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। सहकारिता मंत्री ने कहा, मोदी सरकार का लक्ष्य है कि देश में 2 लाख नए पीएसीएस पंजीकृत हों। अब तक 12000 से ज्यादा पीएसीएस पंजीकृत हो चुके हैं और समय पूर्व ही हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
आमित शाह ने कहा, मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटीज को बैंक में परिवर्तित होने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा, 2020 में 10 मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ पंजीकृत हुई थीं और 2023 में 102 नई मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी पंजीकृत हुई हैं, यानी 10 गुना वृद्धि। सहकारिता मंत्री ने कहा, इस परिवर्तन को हमें और गति देनी है। हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा बैंक मल्टीस्टेट बनें और ज्यादा से ज्यादा मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज और क्रे डिट सोसाइटी बैंक में परिवर्तित हों।

