भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट मेंं शुक्रवार (10 मई) को बृजभूषण सिंह के खिलाफ 5 महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण मामले में आरोपों को तय कर लिया गया है. इसके चलते बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354, 354A के तहत आरोपों को निश्चिच कर लिया गया है. इस फैसले के बाद महिला पहलवानों ने खुद को इंसाफ दिलवाने को लेकर अपना एक और कदम बढ़ाया है. जिस इंसाफ के लिए वो महीनों से सड़क से लेकर अदालत के बाहार प्रर्दशन कर रही थी अखिरकार उसको लेकर महिला पहलवानों को बहुत बड़ी राहत मिली है. आपको बता दें कि महिला पहलवानों के लिए ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस ने 15 जून, 2023 को चार्जशीट दायर की थी.
भारतीय दंड संहिता की धारा 354 देश के संविधान में एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की गरिमा और प्रतिष्ठा की रक्षा करना है. इस धारा के मुताबिक अगर कोई इंसान महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाता है तो उसे दंडित किया जाता है. ये धारा महिलाओं को लिंग पर आधारित सभी अपराधों से बचाने और महिलाओं के सम्मान को बनाए रखने के लिए कानूनी प्रणाली की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस तरह के अपराध में 1 से 5 साल की सजा हो सकती है या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है.
भारतीय दंड संहिता की धारा 354 A महिलाओं को उनके साथ हो रहे यौन उत्पीड़न को रोकने और महिलाओं को न्याय दिलाने का अधिकार प्रदान करती है. यदि कोई इंसान किसी महिला को बुरी नजर से देखता है या उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करता है या फिर महिला की बिना मर्जी के महिला के विरुद्ध अश्लील हरकत करता है तो इस इंसान के खिलाफ IPC की धारा 354 A के तहत यौन उत्पीड़न यानी छेड़छाड़ का केस दर्ज किया जाता है. इसके अलावा ये एक जमानतीय (Bailable) अपराध है.