crossorigin="anonymous"> यूक्रेन : संयंत्र पर हमले से परमाणु सुरक्षा खतरे में - Sanchar Times

यूक्रेन : संयंत्र पर हमले से परमाणु सुरक्षा खतरे में

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यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर हुए हमले में यूक्रेन और रूस के बीच आरोप प्रत्यारोप के बीच से परमाणु सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने यूक्रेन में जापोरीज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेडएनपीपी) पर हुए हमले पर चिंता जताते हुए कहा, ड्रोन हमला गंभीर घटना है, इसने परमाणु सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि इस तरह के हमलों से परमाणु दुर्घटना का खतरा काफी बढ़ जाता है, इसे बंद किया जाना चाहिए। नवंबर 2022 के बाद पहली बार यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को निशाना बनाया गया। उधर यूक्रेन के वरिष्ठ अधिकारी ने रूस के उन आरोपों का खंडन किया है जिसमें यह कहा गया है कि उनके देश की सेना ने यूरोप के इस सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर विस्फोटक ड्रोन से हमला किया है। रूस ने रविवार को दावा किया था कि दक्षिण यूक्रेन में स्थित एवं दो साल से उसके नियंतण्रमें संचालित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर यूक्रेन की सेना ने ड्रोन से हमला किया है। रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला करने के बाद दक्षिण यूक्रेन में स्थित इस परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया था और उसका संचालन अपने हाथ में ले लिया था।
यूक्रेन की सेना की खुफिया एजेंसी के प्रवक्ता एंद्री युसोव ने दावा किया कि हमले के कोई संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस की सेना नियमित आधार पर जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले की फर्जी खबर प्रसारित करती रहती है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानीकर्ता एजेंसी ने हमले की पुष्टि की है लेकिन उसने यह नहीं स्पष्ट किया कि हमला किसने किया है। यूक्रेन पर फरवरी 2022 में किए गए रूसी हमले के बाद से यह संयंत्र बार-बार दोनों पक्षों के हमलों का शिकार रहा है। युद्ध के तुरंत बाद रूस ने इस पर नियंतण्रस्थापित कर लिया। संयुक्त राष्ट्र की निकाय अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी बार-बार संयंत्र से संभावित परमाणु आपदा आने को लेकर आगाह कर रहा है। संयंत्र के छह रिएक्टर महीनों से बंद हैं, लेकिन महत्वपूर्ण शीतलन पण्राली एवं अन्य सुरक्षा सुविधाओं को संचालित करने के लिए इसे अब भी बिजली और प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को पुष्टि की छह में से एक रिएक्टर पर ड्रोन से हमला किया गया लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। आईएईए ने कहा कि हमला संयंत्र की सुरक्षा के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है। मौके पर तैनात आईएईए विशेषज्ञ तीन प्रभावित स्थानों पर गए। आईएईए ने कहा, रिएक्टर की छत के निकट आ रहे एक ड्रोन को रूसी सैनिकों ने निशाना बनाया। इसके बाद रिएक्टर भवन के पास विस्फोट हुआ। आईएईए की टीम ने बताया कि उन्होंने मौके पर ड्रोन के अवशेष देखे। इसके अलावा उन्होंने एक क्षतिग्रस्त सैन्य रसद वाहन के बगल में खून के धब्बे देखे। इससे किसी के हताहत होने का भी संकेत मिलता है। विशेषज्ञों ने बताया कि मौके पर पूरे दिन विस्फोट और गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। रूस ने कहा कि हमले के पीछे यूक्रेन का हाथ है। हालांकि यूक्रेन ने इससे इनकार किया है। गौरतलब है जापोरीज्जिया संयंत्र यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, इसकी कुल क्षमता 6 गीगावाट है।


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