crossorigin="anonymous"> राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित - Sanchar Times

राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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संसद के मानसून सत्र का समापन हो गया है। राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। मानसून सत्र की कार्यवाही 20 जुलाई को शुरू हुई थी। हालांकि, मणिपुर मुद्दे को लेकर दोनों ही सदनों में पूरे सत्र के दौरान गतिरोध देखने को मिला। दोनों सदनों में सरकार की परीक्षा भी हुई। जहां लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जबरदस्त तरीके से बहस देखने को मिली तो वहीं राज्यसभा में दिल्ली सर्विस विधेयक पर सरकार की ताकत भी लोगों के सामने आई। मानसून सत्र के आखिरी दिन भी दोनों सदनों में हंगामा जारी रहा। मानसून सत्र में दोनों सदनों में क्या कुछ हुआ है, यह हम आपको बताते हैं।

लोकसभा की कार्यवाही

  • लोकसभा की बैठक शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। मणिपुर मुद्दे सहित कुछ अन्य विषयों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मानसून सत्र के दौरान कामकाज बाधित रहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा से पहले बताया कि सत्र के दौरान 17 बैठक हुईं जिनमें 44 घंटे 13 मिनट कामकाज हुआ। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में लोकसभा की कार्य उत्पादकता करीब 46 प्रतिशत रही। बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था और इस पर 19 घंटे 59 मिनट चर्चा हुई तथा 60 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया।
  • बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 20 सरकारी विधेयक पेश हुए और 22 विधेयक पारित किये गए। सत्र के दौरान पारित किये गए महत्वपूर्ण विधेयकों में बहु राज्य सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक 2023, डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक 2023, राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक 2023, राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023, जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2023, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 और अंतर सेना संगठन कमान, नियंत्रण और अनुशासन विधेयक 2023 शामिल हैं।
  • गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में ब्रिटिश कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने के लिए तीन नये विधेयक पेश किये और कहा कि अब राजद्रोह के कानून को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नये कानूनों के तहत भगोड़े आरोपियों की अनुपस्थिति में उन पर मुकदमा चलाये जाने समेत अनेक प्रावधान हैं।

राज्यसभा की कार्यवाही

  • राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई और सभापति जगदीप धनखड़ ने मणिपुर मुद्दे पर सदन में गतिरोध कायम रहने के कारण कामकाज बाधित होने पर अफसोस जताया। राज्यसभा में मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को हुई थी और इस दौरान सदन की कुल 17 बैठकें हुईं। राज्यसभा ने सेवानिवृत्त हो रहे अपने नौ सदस्यों को शुक्रवार को विदाई दी। सभापति जगदीप धनखड़ ने इन सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए उनके बेहतर भविष्य की कामना की। हालांकि इनमें से चार सदस्य पुनर्निर्वाचित हुए हैं। सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जुगल सिंह लोखंडवाला, विदेश मंत्री एस जयशंकर, दिनेश चंद्र अनावाडीया, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, डोला सेन, शांता छेत्री, सुखेंदु शेखर रॉय, सुष्मिता देव और कांग्रेस के प्रदीप भट्टाचार्य शामिल हैं। इनमें से एस जयशंकर, डेरेक ओ’ब्रायन, डोला सेन और सुखेंदु रॉय उच्च सदन के लिए फिर से निर्वाचित हुए हैं।
  • संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य राघव चड्ढा को नियमों के घोर उल्लंघन और अवमाननापूर्ण आचरण के चलते विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही, अशोभनीय आचरण तथा नियमों के उल्लंघन के आरोप में निलंबित किए गए आप सदस्य संजय सिंह के निलंबन की अवधि भी विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक बढ़ा दी गई।

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