
सडकों पर कारों व अन्य भारी वाहनों को ड्राइवर नहीं बल्कि वाहन ही ड्राइवरों को नियंत्रित करेंगे। सड़क पर रेड लाइट होने पर ड्राइवर की मनमानी के बावजूद वाहन रेडलाइट क्रास नहीं करेंगे। यही नहीं सड़क पर संभावित दुर्घटना को लेकर किसी भी एमरजेंसी की स्थिति में वाहन का इंजन वाहन का नियंतण्रस्वयं अपने हाथ में ले लेगा। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये इस तरह की तकनीक को विकसित किया जा चुका है और कुछ महंगे वाहनों में इस तकनीक का प्रयोग भी शुरू हो गया है। इस तरह की सभी तकनीकों को दिसंबर में होने वाले एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टमEOFस शो में प्रदर्शित भी किया जायेगा। देश में वाहनों की संख्या वि में वाहनों की कुल संख्या का 4 प्रतिशत है लेकिन सड़क दुर्घटनाओं की संख्या वि में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की 11 प्रतिशत है, ऐसे में सरकार के साथ-साथ सरकार की तमाम एजेंसियां सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उपायों पर मंथन कर रही हैं तथा नई-नई तकनीकों को विकसित किया जा रहा है। भारी उद्योग मंत्रालय की संस्था इंटरनेशनल सेंटर फार आटोमेटिव टेक्नॉलोजी आईसीएटी ने इस दिशा में कई प्रयास किये हैं। आईसीएटी के निदेशक सौरभ दलेला ने बताया कि आईसीएटी के प्रयासों से आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े कई एडवांस तकनीकें विकसित की जा चुकी हैं जो निकट भविष्य में सभी वाहनों में अनिवार्य रूप से शामिल की जायेंगी।
उन्होंने बताया कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की वाहनों को नियंत्रित करने में अब अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। एआई से काम करने वाले साइन डिटेक्शन सिस्टम का उदाहरण देते हुए बताया कि इस तकनीक के माध्यम से वाहन साइन बोर्ड तथा रेड लाइट को भी पहचान सकेंगे और सामने लगे साइन बोर्ड के अनुसार ही स्वयं अपनी गति को नियंत्रित करेगे, यदि कहीं रेड लाइट का सिंग्नल होगा तो ड्राइवर चाहकर भी वाहन को आगे नहीं बढ़ा सकेगा।
इसी तरह एआई के जरिए एक ड्राइवर मानिटरिंग सिस्टम विकसित किया गया है, जिस भी वाहन में यह सिस्टम लगाया जायेगा वह वाहन स्वयं ड्राइवर की भी निगरानी करेगा, यही नहीं वाहन चलाने वाले कितने कौन कौन से ड्राइवर लापरवाह हैं और कौन कौन ड्राइवर नियमों का पालन करते हैं, इस तरह का डाटा भी यह सिस्टम एकत्र करेगा। सौरभ दलेला के अनुसार 7 दिसंबर को आईसीएटी ट्रैक पर होने वाले एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम EOFस शो 2023 में प्रदर्शित किया जायेगा।

