जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में आने के लिए भाजपा ने झूठ का प्रचार और लोगों को गुमराह किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की अपील करते हुए आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी लोगों के मुद्दों को विधानसभा और संसद में उठाएगी।
गहलोत ने एक्स पर एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हम सब को विश्वास था कि इस बार कांग्रेस की सरकार दोबारा आएगी। आम जनता में भी यह भावना थी। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से जो झूठे प्रचार किए गये। राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों में वृद्धि, खराब कानून व्यवस्था, विकास ठप हो गया जैसे झूठे आरोपों के कारण से मैं समझता हूं कि जनता को गुमराह करने में वे (भाजपा के लोग) कामयाब हुए और हमारी सरकार नहीं बन पाई।’’
उन्होंने कहा कि जनता ने भी सरकार की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा जैसी अच्छी योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर भावनाएं साझा की। गहलोत ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान करीब तीन लाख बेरोजगारों को रोजगार दिए गए। इतने रोजगार देश के किसी अन्य राज्य में नहीं दिए गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, इन योजनाओं के कारण राजस्थान की चर्चा देश-विदेश में हो रही है। कई राज्यों ने इन योजनाओं को अपनाया है। लेकिन दुर्भाग्य से चुनाव प्रचार में केंद्रीय मंत्रियों ने पूर्व सरकार पर झूठे आरोप लगाए। गहलोत ने कहा, दुर्भाग्य से जिस तरह से भाजपा नेताओं ने अपराध, दुष्कर्म के मामलों, कानून-व्यवस्था के बारे में झूठ प्रचारित किया, उससे लोग गुमराह हो गए और हमारी सरकार दोबारा नहीं बनी पाई।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार को बने तीन महीने हो गए हैं लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। गहलोत ने आरोप लगाया कि राज्य की मौजूदा सरकार ने पिछली सरकारी की कई योजनाओं को बंद करने या उन्हें कमजोर करने का काम किया है। इतना ही नहीं राजीव गांधी युवा मित्रों को भी हटा दिया गया। राशन की दुकानों को उनका उचित कमीशन नहीं मिल रहा है और ऐसे कई उदाहरण हैं, जो दिखाते हैं कि सरकार काम नहीं कर रही है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि मैं आगामी लोकसभा चुनावों में जनता से कांग्रेस और उसके उम्मीदवारों का समर्थन करने की अपील करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव में जीतते हैं तो वे राजस्थान पूर्वी नहर परियोजना (ईआरसीपी), अंतरराज्यीय जल मुद्दा, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) जैसे मुद्दों को संसद में उठाएंगे।