भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती आज
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। मंत्री ने कहा कि प्रत्येक भारतीय “देश की अखंडता के लिए उनके अद्वितीय प्रयासों” के लिए मुखर्जी का ऋणी है। शाह ने कहा कि मैं प्रख्यात राष्ट्रवादी विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर याद करता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जब भी देश की एकता और अखंडता के लिए लड़ने की बात होगी, डॉ. मुखर्जी को जरूर याद किया जाएगा। चाहे वह बंगाल को देश का हिस्सा बनाए रखने के लिए उनका संघर्ष हो या ‘एक निशान, एक प्रधान, एक विधान’ के संकल्प के साथ जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान देना, हर भारतीय उनका ऋणी है। देश की अखंडता के लिए उनके अनूठे प्रयास। जनसंघ की स्थापना कर देश को एक वैचारिक विकल्प प्रदान करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्र प्रथम के पथ पर सदैव मार्गदर्शक रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भाजपा विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी 123वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा कि मुखर्जी ने अपने उग्र राष्ट्रवादी विचारों से भारत को गौरवान्वित किया और मातृभूमि के प्रति उनका बलिदान और समर्पण लोगों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। मुखर्जी भारतीय जनता पार्टी के अग्रदूत भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। वह जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल के सदस्य थे, जिसे उन्होंने प्रधान मंत्री के साथ अपने मतभेदों के विरोध में छोड़ दिया और फिर आरएसएस के समर्थन से जनसंघ का गठन किया। मुखर्जी की 1953 में जम्मू-कश्मीर में उन भारतीय नागरिकों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ आंदोलन के दौरान गिरफ्तारी के बाद मृत्यु हो गई, जो राज्य से नहीं थे। वे राज्य को दिये गये विशेष दर्जे के विरोधी थे।