
ST.News Desk

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को कांग्रेस की ‘वोट चोरी, गद्दी छोड़ो’ रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास समाप्त हो चुका है, क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी “चोरी पकड़ी जा चुकी है” और जल्द ही सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी।

राहुल गांधी ने कहा कि संविधान में हर नागरिक को एक वोट का अधिकार दिया गया है और इस अधिकार पर हमला करना सीधे तौर पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है।
आरएसएस पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने आरएसएस की विचारधारा पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और हिंदू दर्शन में सत्य को सर्वोपरि माना गया है, लेकिन आरएसएस की सोच इससे अलग है। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अंडमान में दिए गए एक बयान का हवाला देते हुए कहा, जिसमें कथित तौर पर कहा गया था कि “दुनिया सत्य नहीं, शक्ति को देखती है।”
राहुल गांधी ने कहा, “यही उनकी विचारधारा है। उनके अनुसार सत्य का कोई महत्व नहीं है, सत्ता ही सबसे जरूरी है।” उन्होंने कहा कि आज देश में सत्य और असत्य के बीच संघर्ष चल रहा है और कांग्रेस पार्टी सत्य के पक्ष में खड़ी होकर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और आरएसएस समर्थित सरकार को सत्ता से बाहर करेगी।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी सीधे आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा कथित रूप से 10,000 रुपये बांटे गए, लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्य और असत्य की इस लड़ाई में चुनाव आयोग भाजपा सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।
राहुल गांधी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने चुनाव आयोग को छूट देने के लिए नया कानून बनाया है, लेकिन कांग्रेस सत्ता में आने पर इस कानून को बदलेगी और चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
उन्होंने 2023 के चुनाव आयोग से जुड़े संदर्भ का उल्लेख करते हुए कहा, “आप हिंदुस्तान के चुनाव आयुक्त हैं, नरेंद्र मोदी के निर्वाचन आयुक्त नहीं। कांग्रेस पार्टी कानून को पूर्वव्यापी रूप से बदलकर जवाबदेही तय करेगी।”
रैली के दौरान राहुल गांधी का यह आक्रामक रुख आगामी राजनीतिक संघर्ष और चुनावी माहौल में कांग्रेस के तेवरों को दर्शाता है।

