
केन्द्र सरकार कोई आश्चर्यजनक कदम उठाएगी या नहीं, इस बारे में अटकलों के बीच संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है। सरकार ने इस सत्र के दौरान विचार करने के लिए आठ विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें चुनाव आयुक्तों के चयन में बदलाव लाने वाला विधेयक भी शामिल है। सत्र की शुरुआत सोमवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे।

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का कहना है, “…मैं आज पीएम के भाषण की सराहना करती हूं जहां उन्होंने सराहना की कि शासन निरंतरता है। इस देश को बनाने में पिछले 7 दशकों में विभिन्न लोगों ने योगदान दिया है जिसे हम सभी समान रूप से प्यार करते हैं। चाहे आप इसे इंडिया कहें या भारत ये आपका अपना देश है। हम सभी यहीं पैदा हुए हैं, हम सभी यहां आकर धन्य हैं… मैं उन दो लोगों को रिकॉर्ड में रखना चाहूंगी जिनका उल्लेख आज भाजपा ने नहीं किया है, जिनसे मैं अत्यधिक प्रभावित हूं। सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का नाम लेकर उन्होंने कहा कि दोनों ही बड़े नेताओं में से एक थे जिन्होंने हमेशा अच्छे काम का समर्थन किया।
राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों से अनुरोध है कि वे भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को मनाने और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने के लिए एक समारोह के लिए 19.09.2023 को सुबह 11 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में इकट्ठा हों: पी.सी. मोदी, महासचिव, राज्य सभा
राजस्थान के मंत्री और कांग्रेस विधायक प्रताप खाचरियावास ने कहा “मुझे उम्मीद है कि नए संसद भवन में जाते हुए, बीजेपी अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करेगी… सरकार को नए संसद भवन में नए रंग-रूप में, नए उत्साह के साथ आना चाहिए।” परिणामोन्मुखी बातचीत होनी चाहिए और परिणाम दिखना चाहिए…”
पुराने संसद भवन में अपने अंतिम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये वो सदन है जिसने आपातकाल देखा है। इसी सदन में वन वेशन वन टैक्स का निर्णय लिया गया था। गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का निर्णय भी इसी संसद में लिया गया था। ये ही वो सदन है जहां अटल जी की सरकार महज एक वोट से गिरी थी।
संसद के विशेष सत्र की शुरुआत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आया है इसमें उन्होंने कहा कि हर तरफ भारत की चर्चा हो रही है। भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफलता से पूरा हुआ है जिससे पूरा देश अभी भूत है। भारत के समक्ष का एक नया रूप विज्ञान से जुड़ा हुआ है। इससे देश और दुनिया को नया प्रभाव मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए संसद भवन में जाने से पहले देश की संसद के 75 सालों की यात्रा को याद करना जरूरी है। हम इस ऐतिहासिक भवन से आज विदा ले रहे हैं। इस ऐतिहासिक संसद भवन में देशवासियों का पसीना लगा है। भारत को आजादी मिलने से पहले हमारा सांसद भवन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान था। आजादी के बाद में इसे संसद भवन के तौर पर पहचान दी गई। मेरा मानना है कि संसद का यह भवन ऐतिहासिक है और यह आने वाली पीढियां को प्रेरणा देगा।
