
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को कहा कि अगर एक नामी कारोबारी से पैसे लेने के आरोपों के संबंध में उन्हें बुलाया जाता है, तो वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और संसद की आचार समिति के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा सदस्य मोइत्रा पर संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक कारोबारी से रुपये लेने का आरोप लगाने के बाद टीएमसी सांसद विवादों में घिर गई हैं। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए जांच समिति गठित करने का आग्रह किया है।
मोइत्रा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘अगर मुझे बुलाया जाता है, तो मैं सीबीआई और आचार समिति (जिसमें भाजपा सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) को सवालों के जवाब देने को तैयार हूं। मेरे पास अडाणी द्वारा निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल या भाजपा के ट्रोल्स को जवाब देने के लिए न तो समय है और न ही दिलचस्पी है।’ टीएमसी नेता ने कहा, ‘मैं नदिया में दुर्गा पूजा मना रही हूं। शुभो षष्ठी।’
रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने बृहस्पतिवार को एक हस्ताक्षरित हलफनामे में कहा कि टीएमसी नेता मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडाणी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोइत्रा का इरादा प्रधानमंत्री की छवि को खराब करना था, क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा के कारण विपक्षी दलों को उन पर हमले का मौका नहीं मिलता। आरोप लगा है कि हीरानंदानी समूह ने अडाणी समूह के बारे में संसद में सवाल पूछने के लिए मोइत्रा को कथित तौर पर धन का भुगतान किया था। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने दुबे की शिकायत को आचार समिति को भेज दिया है, जिसने दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई को 26 अक्टूबर को मौखिक रूप से साक्ष्य दर्ज कराने के लिए बुलाया है।
प्रारंभिक शिकायत दर्ज कराने वाले देहाद्रई, मोइत्रा के पूर्व साथी हैं और अपने पालतू कुत्ते को लेकर उनके बीच झगड़ा था। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में देहाद्रई के खिलाफ पुलिस में कई शिकायतें दर्ज कराई हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि मामला ‘ठुकराए हुए पूर्व साथी’ की शिकायत पर आधारित है।
इस बीच, देहाद्रई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि मोइत्रा के पालतू कुत्ते हेनरी के बदले में उन पर सीबीआई से अपनी शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालने का प्रयास किया गया। इस पोस्ट को दुबे ने रीपोस्ट किया था। देहाद्रई ने कहा, ‘कल दोपहर मुझे हेनरी के बदले में सीबीआई से अपनी शिकायत और निशिकांत दुबे को लिखे पत्र को वापस लेने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया गया। मैंने साफ इनकार कर दिया-मैं सीबीआई को विवरण दूंगा। मैसेंजर पूरी तरह से निदरेष है-लेकिन आपको उसके बारे में सब कुछ बताता है।’ दुबे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह ‘संसद को बचाने’ की लड़ाई है, न कि राजनीतिक लड़ाई।

