crossorigin="anonymous"> परवेज मुशर्रफ को मौत के बाद भी नहीं मिली माफी - Sanchar Times

परवेज मुशर्रफ को मौत के बाद भी नहीं मिली माफी

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने दिवंगत पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह मामले में 2019 में एक विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को बुधवार को बरकरार रखा।
वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के सूत्रधार और पाकिस्तान के अंतिम सैन्य शासक मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद पिछले साल पांच फरवरी को दुबई में निधन हो गया। 79 वर्षीय मुशऱ्फ दुबई में अमाइलॉइडोसिस के लिए उपचार करा रहे थे। वह अपने देश में मुकदमों से बचने के लिए 2016 से स्व-निर्वासन में संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे थे। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की।
इस पीठ में न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह भी शामिल थे। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के कार्यकाल के दौरान नवंबर 2007 में आपातकाल लागू करने के ‘असंवैधानिक’ निर्णय के लिए मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद एक विशेष अदालत ने 17 दिसम्बर, 2019 को पूर्व सैन्य शासक को मौत की सजा सुनाई। शीर्ष अदालत ने पूर्व शासक द्वारा मौत की सजा के खिलाफ दायर अपील पर फैसला सुनाया। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपति की अपील को खारिज करते हुए कहा, ‘मुशर्रफ के उत्तराधिकारी कई नोटिस पर भी सुनवाई पर नहीं आए।’
अदालत ने लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले को भी ‘अमान्य और शून्य’ घोषित कर दिया, जिसने विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को निलंबित कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला कानून के खिलाफ था।


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