
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से उनकी पार्टी का समर्थन वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा नीत सरकार ने समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने से ‘समाजवादियों’ को रोक दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमार का राजनीतिक उदय जेपी के आंदोलन की देन है। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर यह त्योहार का दिन न होता तो बांस के बैरिकेड भी ‘समाजवादियों’ को जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) में जाने से नहीं रोक पाते। यादव बृहस्पतिवार रात जेपीएनआईसी पहुंचे थे और प्रवेश रोकने के लिए टिन की चादरों के पीछे मुख्य द्वार बंद करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लोग विध्वंसक हैं। उन्हें कुछ भी अच्छा दो, वे उसे नष्ट कर देंगे। उन्होंने पहले भी हम समाजवादियों को रोका है। आज नवरात्र का नौवां दिन है, यह उत्सव का दिन है।

जेपी के विचारों को अपनाते तो सपा पर परिवार का कब्जा नहीं होता : राजीव रंजन
नई दिल्ली। जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने अखिलेश यादव की इस टिप्पणी को ‘हैरतअंगेज’ करार दिया और नसीहद दी कि उन्हें लोकनायक को केवल श्रद्धांजलि तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘जीवन मूल्यों के लिए जयप्रकाश नारायण आजीवन संघषर्रत रहे। उन्होंने संपूर्ण क्रांति की अवधारणा दी। उन्होंने परिवारवाद, वंशवाद और व्यवस्था परिवर्तन को लेकर जो आह्वान किया, अगर लेस मात्र भी अखिलेश यादव ने उन जीवन मूल्यों को तरजीह दी होती तो समाजवादी पार्टी पर एक परिवार का संपूर्ण आधिपत्य नहीं दिखता।’
