IISR के निदेशक डॉ. रसप्पा विश्वनाथन ने कहा, यह पहल ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है
प्रदीप कुमार सिंह
लखनऊ ब्यूरो (संचारटाइम्स.न्यूज) : सीआईआई फार्म टू फोर्क समिट में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) के निदेशक डॉ. रसप्पा विश्वनाथन ने बायो फ्यूल पॉलिसी के सफल कार्यान्वयन की सराहना की, जिसके चलते भारत में प्रभावी इथेनॉल मिश्रण हुआ है। उन्होंने बताया कि यह पहल ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भारत ने चीनी निर्माण में वैश्विक अग्रणी स्थिति बनाए रखी है और गन्ने का प्रमुख उत्पादक बना हुआ है। देश अब गुड़ का सबसे बड़ा उत्पादक भी है, जो 2.4 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) पहल को नई औद्योगिक नीति के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है।
जय अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका की बात की
सीआईआई एनआर क्षेत्रीय खाद्य एवं डेयरी समिति के अध्यक्ष और सीपी मिल्क एंड फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री जय अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका की बात की। उन्होंने बताया कि राज्य ने बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी में निवेश, प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं और आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है। यूपी सरकार इस क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है और 15-18 नवंबर को लखनऊ में एग्रोटेक- कृषि भारत, सीआईआई एग्रोटेक का आयोजन कर रही है।
एस के चौहान ने बदलती जीवनशैली के कारण पौधों से मिलने वाले प्रोटीन की बढ़ती मांग और पशु प्रोटीन पर निर्भरता में कमी की बात की
क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र (आरएफआरएसी) के निदेशक डॉ. एस के चौहान ने बदलती जीवनशैली के कारण पौधों से मिलने वाले प्रोटीन की बढ़ती मांग और पशु प्रोटीन पर निर्भरता में कमी की बात की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
खेत से लेकर थाली तक एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके
लीड्स कनेक्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य रणनीति अधिकारी श्री अनिल पारीक ने ‘खेत से रसोई तक’ के अपने लक्ष्य की बात की, जिसमें हर कदम को टिकाऊ बनाने पर जोर दिया गया है, ताकि खेत से लेकर थाली तक एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी क्षेत्र के 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और 18 उद्योग विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।