रक्षा मंत्री ने सांबा जिले के रामगढ़ के कौलपुर में देवक नदी पर बने पुल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा ₹2941 करोड़ की लागत से निर्मित 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को देश को समर्पित किया। राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा कि पिछले लगभग नौ सौ दिनों में बीआरओ ने क़रीब तीन सौ इंफ़्रा प्रोजेक्ट्स देश को समर्पित किए हैं। इसके लिए बीआरओ की जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया कि आज 90 प्रोजेक्ट का उद्घाटन होना होना है, जिसमें अनेक रोड, ब्रिज, रवने, हेलीपैड और टनल शामिल हैं। एक समय था, जब बीआरओ के द्वारा किसी प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाती थी, तो सबसे पहले तो उस प्रोजेक्ट को शुरू होने में ही काफी लंबा समय लग जाता था, और यदि सौभाग्य से प्रोजेक्ट शुरू हो भी गया, तो उसमें ऐसी कागजी अड़चने आती थीं, कि उन्हें खत्म होने में बहुत लंबा समय लग जाता था।
एएनआई ने बताया कि बीआरओ ने इन महत्वपूर्ण रणनीतिक परियोजनाओं का निर्माण रिकॉर्ड समय सीमा में पूरा किया और इनमें से कई परियोजनाओं का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक ही कार्य सत्र में किया गया है। इन परियोजनाओं में से 11 जम्मू-कश्मीर में, 26 लद्दाख में, 36 अरुणाचल प्रदेश में, 5 मिजोरम में, 3 हिमाचल प्रदेश में, 2-2 सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में और 1-1 नागालैंड, राजस्थान और अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह में बनाई गई हैं। 2021 में, ₹2229 करोड़ की लागत से 102 बीआरओ बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गईं। ये हवाई क्षेत्र न केवल उत्तरी सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की रक्षात्मक और आक्रामक वास्तुकला में सुधार करेंगे बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ान संचालन की सुविधा भी प्रदान करेंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अब तो मुझे आए दिन यह सुनने को मिल जाता है, कि बीआरो ने फलां जगह पर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, तो वही फलां जगह पर प्रोजेक्ट खत्म भी कर दिया है। प्रोजेक्ट का इतनी तेजी से समाप्त होना, आप सभी कर्मयोगियों की मेहनत, लगन और हमारी सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता का परिणाम है। आज जिस क्षमता से आप लोग काम कर रहे हैं, और जितनी तेजी से प्रोजेक्ट पूरा कर रहे हैं, उसके लिए आप सभी निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। इन प्रोजेक्ट के जल्दी खत्म हो जाने के कारण मुझे भी आप लोगों से जल्दी-जल्दी मिलने का अवसर मिलता रहता है। आप सभी देश के सीमावर्ती इलाकों में ढांचागत विकास का कार्य करते हैं। एक से बढ़कर एक दुर्गम इलाके, जहां पर पांव रखना भी लगभग मुश्किल होता है, वहां भी आपने सड़कें, सुरंगें और पुल का जाल बिछा दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आपकी असली सफलता तो यह है, कि इतने दुष्कर, और मुश्किल से दिखने वाले कामों को भी आपने अपनी मेहनत से बड़ा आसान बना दिया है। अब देश के लोग बॉर्डर इलाके में बुनियादी ढांचे का विकास को कोई बड़ी उपलब्धि नहीं, बल्कि उसे नॉर्मल मानने लगे हैं। किसी महत्वाकांक्षी परियोजना को शुरू करना, और उन्हें समय पर पूर्ण करना न्यू इंडिया का न्यू नॉर्मल बन चुका है।