crossorigin="anonymous"> संसद का शीतकालीन सत्र चौथे दिन भी विपक्षी हंगामे के कारण स्थगित - Sanchar Times

संसद का शीतकालीन सत्र चौथे दिन भी विपक्षी हंगामे के कारण स्थगित

Spread the love

पहले दिन से ही विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया था, और चौथे दिन भी यह स्थिति बरकरार रही

ST.News Desk : संसद का शीतकालीन सत्र चौथे दिन में प्रवेश कर गया, लेकिन एक बार फिर विपक्ष के हंगामे के कारण कामकाजी व्यवस्था प्रभावित रही। गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही फिर से शुरू की गई, लेकिन विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की बैठक शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

पहले दिन से ही विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया था, और चौथे दिन भी यह स्थिति बरकरार रही। विपक्ष ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों, उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा, और मणिपुर के हालात जैसे मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग की। इसके चलते, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित की जाती रही और संसद के प्रारंभिक दिन काफी हद तक अनुत्पादक साबित हुए।

वहीं, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर आई है कि वे बांग्लादेश की स्थिति पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बयान दे सकते हैं।

गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, जो कि केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई हैं, ने निचले सदन की सदस्यता की शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता जनता के जरूरी मुद्दों को उठाना, देश और पार्टी के लिए काम करना, और संविधान के उसूलों के लिए संघर्ष करना होगा। प्रियंका ने हिंदी में शपथ ली और संविधान की एक प्रति अपने हाथ में ली थी। इसके अलावा, महाराष्ट्र के नांदेड़ से लोकसभा सदस्य निर्वाचित कांग्रेस नेता रवींद्र बसंतराव चव्हाण ने भी शपथ ली।

लोकसभा में विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही फिर से स्थगित कर दी गई। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अदाणी समूह से जुड़े मामले और उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के मुद्दे पर जमकर नारेबाजी की। इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में पहले ही तय किया गया था कि कौन से विधेयक किस समय लाए जाएंगे।

राज्यसभा में भी विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित हो गई। सदन में अदाणी मुद्दे, मणिपुर की स्थिति और संभल हिंसा पर चर्चा की मांग की गई थी, लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ ने इन सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने संसदीय अवरोध को देश की नींव को कमजोर करने वाला और संसद को अप्रासंगिकता की ओर ले जाने वाला एक गंभीर रोग बताया।

इस बीच, संसद में बढ़ते हंगामे और कार्यवाही के ठप होने से सत्र के उत्पादकता पर सवाल उठने लगे हैं।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *