
ST.News Desk

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला के हिजाब को छूने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं पिछड़ी सोच को दर्शाती हैं। श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में किसी भी महिला का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमने ऐसी घटनाएं पहले भी देखी हैं। मेरे चुनाव के दौरान लोग शायद भूल गए होंगे कि महबूबा मुफ्ती ने एक पोलिंग स्टेशन के अंदर एक वैध वोटर का बुर्का कैसे हटवाया था। यह उसी सोच का सिलसिला है। तब जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था और नीतीश कुमार से जुड़ी यह घटना भी उतनी ही शर्मनाक है।”
‘नीतीश कुमार की सच्चाई सामने आ रही है’
उन्होंने आगे कहा कि अगर मुख्यमंत्री खुद नियुक्ति पत्र नहीं देना चाहते थे, तो वे पीछे हट सकते थे, लेकिन किसी महिला को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना पूरी तरह गलत है। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “धीरे-धीरे नीतीश कुमार की सच्चाई सामने आ रही है, जिन्हें कभी एक धर्मनिरपेक्ष और समझदार नेता माना जाता था।”
वित्तीय मुद्दों पर भी रखी बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की राज्यों के वित्तीय अनुशासन संबंधी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विरासत में मिली आर्थिक मजबूरियों के तहत काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं है और केंद्र सरकार पर निर्भर है। पहले राज्य के रूप में केंद्रीय करों में हिस्सा मिलता था, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद वह बंद हो गया है, जिससे हमारे बजट पर दबाव बढ़ गया है।”
वित्तीय जिम्मेदारी का दावा
सीएम उमर ने दावा किया कि उनकी सरकार ने वित्तीय जिम्मेदारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा, “पिछले 15–16 महीनों में कोई वित्तीय लापरवाही नहीं हुई है। अगर कोई सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का एक भी मामला बता सकता है, तो मैं जवाबदेही के लिए तैयार हूं।”

