जिनमें घनश्याम तिवारी, भुवनेश्वर कलिता, के. लक्ष्मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल बालकृष्ण वासनिक, साकेत गोखले, पी. विल्सन, संजय सिंह, मानस रंजन मंगराज और वी विजयसाई जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं
ST.News Desk : केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पहल पर विचार करने के लिए बारह राज्यसभा सदस्यों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में नियुक्त किया है। इस समिति में प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है, जिनमें घनश्याम तिवारी, भुवनेश्वर कलिता, के. लक्ष्मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल बालकृष्ण वासनिक, साकेत गोखले, पी. विल्सन, संजय सिंह, मानस रंजन मंगराज और वी विजयसाई जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
इस समिति का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर चर्चा करना और संबंधित विधेयकों का परीक्षण करना है। इसके लिए सरकार ने संयुक्त समिति के सदस्य संख्या बढ़ाकर 39 करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे विभिन्न दलों को प्रतिनिधित्व मिलने का अवसर मिलेगा। इस समिति में लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य शामिल होंगे।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा कि जिन लोगों ने जानबूझकर या अनजाने में भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बाबासेह भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
संयुक्त संसदीय समिति में शामिल होने वाले नए लोकसभा सदस्य भी प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें भाजपा के बैजयंत पांडा और संजय जायसवाल, समाजवादी पार्टी के छोटेलाल, शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई, लोजपा की शांभवी और माकपा से के. राधाकृष्णन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पी. पी. चौधरी के अलावा भाजपा के भर्तृहरि महताब और कांग्रेस की प्रियंका गांधी भी प्रस्तावित लोकसभा सदस्यों में शामिल हैं।
समिति के पास ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक और संविधान संशोधन विधेयक का परीक्षण करने का कार्य होगा।