
ST.News Desk, New Delhi : संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभा में विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर, बांग्लाभाषी प्रवासियों के साथ कथित भेदभाव और केंद्र की नीतियों को लेकर लगातार नारेबाजी की। दो बार स्थगन के बाद, सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही, जहाँ दो बार स्थगन के बाद बैठक दोपहर 2:05 बजे स्थगित कर दी गई।
हंगामे के बीच, सरकार ने दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए:
राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025: जिसके तहत भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को विधायी दायरे में लाया जाएगा, हालांकि उसकी स्वायत्तता बनी रहेगी। विवादों का समाधान राष्ट्रीय पंचाट के माध्यम से किया जाएगा।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025: खेलों में डोपिंग नियंत्रण को सुदृढ़ करने के लिए वाडा (WADA) की सिफारिशों को शामिल करते हुए संशोधन प्रस्तावित हैं। सदन में जद(यू) सांसद गिरिधारी यादव ने बिहार को नई ट्रेनें न दिए जाने का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार के लिए पांच नई ‘अमृत भारत’ ट्रेनों की शुरुआत की है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तख्तियां लेकर विरोध कर रहे सांसदों को आड़े हाथों लिया और चेतावनी दी कि “सड़कों का आचरण संसद में न दोहराएं।” उन्होंने कहा कि सांसदों का व्यवहार ‘माननीय’ पद की गरिमा के अनुरूप होना चाहिए।
वहीं, गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में न्यायिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ दुष्कर्म पीड़िताओं की गरिमा की रक्षा के लिए कई अहम प्रावधान किए गए हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने भी लोकसभा और राज्यसभा में नोटिस देकर बांग्लाभाषी प्रवासियों से कथित भेदभाव और एसआईआर मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
