दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई और आने वाले दिनों में प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के चलते इसके और भी खराब होने की आशंका है। यह जानकारी निगरानी एजेंसियों ने दी। केंद्रीय प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दोपहर 12 बजे 301 दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को यह 261 था। पड़ोसी शहरों गाजियाबाद में एक्यूआई 286, फरीदाबाद में 268, गुरुग्राम में 248, नोएडा में 284 और ग्रेटर नोएडा में 349 दर्ज किया गया। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान पण्राली के अनुसार, हवा की धीमी गति और रात के समय तापमान में गिरावट के कारण शहर की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। इसने कहा कि महीने के अंत तक हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रहने की आशंका है।
प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियां और प्रदूषण के स्थानीय स्रेतों के अलावा, पटाखों और धान की पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन के चलते, सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर में पहुंच जाती है। दिल्ली प्रदूषण नियंतण्रकमेटी के विश्लेषण के अनुसार, एक नवंबर से 15 नवंबर तक राजधानी में प्रदूषण शीर्ष पर पहुंच जाता है जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान पण्राली (सफर) जानकारी प्रदान नहीं कर रहा है और संबंधित अधिकारियों को इसका कारण नहीं पता है।