केपटाउन। मोहम्मद सिराज ने सुबह छह विकेट झटककर कॅरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिससे भारत ने बुधवार को दूसरे और आखिरी टेस्ट के शुरूआती दिन दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 55 रन पर समेटने के बाद चाय तक बढ़त हासिल की लेकिन अंतिम सत्र में उसने 11 गेंद में छह विकेट गंवा दिए। सिराज ने लगातार नौ ओवर के अपने पहले स्पैल में 15 रन देकर छह विकेट झटककर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
दक्षिण अफ्रीका का यह 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर है। फिर भारत ने चार विकेट पर 153 रन बनाकर 98 रन की बढ़त हासिल की लेकिन एक भी रन जोड़े बिना 11 गेंद में छह विकेट गंवा दिए। भारत के छह बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके और जो खिलाड़ी नाबाद रहा, उसका भी खाता नहीं खुला। लुंगी एनगिडी (30 रन देकर तीन विकेट) और कागिसो रबाडा (38 रन देकर तीन विकेट) ने अंत के छह में से पांच विकेट झटके जिससे उन्होंने बढ़त 100 से कम रहने दी और मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की क्योंकि शुरुआती दिन इस पिच पर 23 विकेट गिरे।
दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में आक्रामकता के साथ अधिक सतर्कता भी दिखायी जिससे उसने स्टंप तक तीन विकेट गंवाकर 62 रन बना लिए और अभी वह 36 रन से पीछे है। ऐडन मार्कराम 32 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। टेस्ट में पहले दिन सबसे ज्यादा 25 विकेट गिरने का रिकॉर्ड 1902 में एशेज टेस्ट का है। डीन एल्गर अपने विदाई टेस्ट के प्रदर्शन को याद नहीं रखना चाहेंगे क्योंकि वह एक दिन के खेल में दो बार आउट हुए जबकि मुकेश कुमार (कोई रन नहीं देकर दो विकेट, 25 रन देकर दो विकेट) को गेंद को लगातार सही लाइन एवं लेंथ में पिच करने का फायदा मिला। इस मैच के तीसरे दिन तक चलने की संभावना कम ही दिख रही है।
न्यूलैंड्स की पिच पर इतना तेज उछाल था जो निश्चित रूप से आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड की निशाने पर आएगा। लाल कूकाबुरा गेंद ‘जंबो जेट’ की तरह उड़ान भरती दिखी जिससे बल्लेबाजों के लिए क्रीज पर टिकना असंभव हो गया। दिन के अंत में उछाल इतना ज्यादा बदल रहा था कि बल्लेबाजों को कंधे से लेकर पेट तक गेंद लगी। रोहित शर्मा (50 गेंद में 39 रन) ने इन खतरनाक गेंदों से बचते हुए सात चौके जड़े। विराट कोहली (59 गेंद में 46 रन) और शुभमन गिल (55 गेंद में 36 रन) ने कुछ अच्छी बाउंड्री लगायी। यशस्वी जायसवाल (शून्य) और श्रेयस अय्यर (शून्य) की तकनीकी खामियां फिर उजागर हुईं और वे स्कोर में कोई योगदान नहीं कर सके।
सिराज से पहले देश के 92 वर्ष के टेस्ट इतिहास में लंच से पहले इस तरह का शानदार प्रदर्शन बाएं हाथ के स्पिनर म¨नदर सिंह के नाम है जिन्होंने 1986-87 में बेंगलुरू में पाकिस्तान के खिलाफ लंच से पहले पांच विकेट झटकने की उपलब्धि हासिल की थी। बुधवार को उमस भरी सुबह दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाजों को सिराज की तेजी, ¨स्वग और सीम मूवमेंट का सामना करने में काफी परेशानी हुई जिससे पूरी टीम पहली पारी में महज 23.2 ओवर में पैवेलियन पहुंच गयी। केवल डेविड बेडिघंम (12 रन) और काइल वेरेयने (15 रन) ही दो बल्लेबाज रहे जो दोहरे अंक तक पहुंच सके जिससे स्टैंड में मौजूद दक्षिण अफ्रीकी दर्शक मायूस हो गए।
जसप्रीत बुमराह (आठ ओवर में 25 रन देकर दो विकेट) ने भी दूसरे छोर से दबाव बनाये रखा जिससे रोहित ने भी प्रतिद्वंद्वी टीम के कप्तान डीन एल्गर को उनके विदाई टेस्ट में परेशान रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुकेश कुमार (बिना रन दिए दो विकेट) ने पुछल्ले बल्लेबाजों को समेटा और साबित किया कि इन परिस्थितियों में वह शादरुल ठाकुर से कहीं बेहतर हैं। सेंचुरियन में पारी की हार के बाद भारतीय समर्थकों ने भी गेंदबाजों से इस तरह के शानदार प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की होगी।