क्या है अब्सेसिव कम्पल्शन डिसार्डर : कोई बार बार हाथ धोते या अत्यधिक सफाई करते हुए मिल जाए तो हम लोग यही सोचेंगे कि जिस तरह से आज कल कोरोना एवं एन्य बीमारियां फैल रही हैं ऐसे मे ये व्यवहार पूरी तरह से सही है, लेकिन हम में से ज्यादातर लोग इस बात से अनजान हैं कि ये एक गंभीर मानसिक बीमारी का लक्षण भी हो सकता है।
-अब्सेसिव कम्पल्शन डिसार्डर नाम की ये बीमारी धीरे-धीरे हमारे आस-पास बढ़ रही है और हम इस गंभीर मानसिक बीमारी से अनजान बने हुए हैं
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने इस गम्भीर मानसिक समस्या के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि -इस बीमारी के नाम को समझने का प्रयास करें तो अब्सेसिव का अर्थ है कि रोगी के मन में बार बार एक ही तरह के विचार आना और प्रयास करने के बाद भी रोगी द्वारा इन विचारो को न रोक पाना, इन विचारो से अक्सर मन में घबराहट और बेचैनी होती है। कम्पल्शन का अर्थ होता है इन विचारो के आने के बाद रोगी अटपटे काम करता है जैसे गंदगी का विचार आने के बाद अत्यधिक सफ़ाई करना।
संभव है इलाज
-इस बीमारी में दवाओं और काउन्सलिंग के माध्यम से रोगी का इलाज किया जाता है।
ये बीमारी लगभग हर सौ में दो व्यक्तियों को होती है, ये बीमारी महिलाओं और पुरु षों में समान रूप से पायी जाती है और ये बीमारी लगभग हर उम्र में जैसे कि बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों में हो सकती है।
इस बीमारी का इलाज पूरी तरह से सम्भव है, इस बीमारी में दवाओं और काउन्सलिंग के माध्यम से रोगी का इलाज किया जाता है। अन्य मानसिक बीमारियों कि तरह ही इस बीमारी के बारे में भी लोगों के मन में विभिन्न तरह की भ्रांतियाँ है जैसी कि ये बीमारी •यादा सोचने से या किसी तरह के बुरे कर्मो से या फिर भूत प्रेत की वजह से होती है। अक्सर सही जानकारी के अभाव में ऐसे रोगी झाड़ फूंक में क़ीमती समय और पैसा व्यर्थ करते रहते है और धीरे धीरे डिप्रेशन में चले जाते है। अगर आपके घर में या आस पास कोई व्यक्ति इस तरह की समस्या से ग्रशित हो तो उसकी मदद करें और उसे मानसिक रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने के लिए प्रेरित करे।
आजकल के बढ़ते तनाव पूर्ण जीवन में सभी को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। सही समय पर सम्बंधित चिकित्सक से परामर्श लें।
क्या होते हैं लक्षण : दइस बीमारी में मरीज़ के मन में बार बार ऐसे विचार आते हैं कि मेरे हाथ, कपड़े या आस पास की वस्तुएं गंदी हैं और अगर इनको साफ़ नहीं किया गया तो कोई गम्भीर बीमारी या समस्या हो जाएगी और मरीज़ ये जानते हुए भी कि ये विचार पूरी तरह से सही नहीं है इसके बावजूद बार बार सफ़ाई में लगा रहता है और अपना बहुमूल्य समय खराब करता है।
-रोगी के मन में तरह तरह के अन्य विचार जैसे अगर मैंने कोई काम किसी विशेष तरह से नहीं किया तो कुछ अनहोनी हो जाएगी, किसी से बात करते समय मन में विचार आना कि कहीं सामने वाले को मेरी बात बुरी ना लग जाए, अपने आस पास की वस्तुओं को किसी विशेष प्रकार से ही रखना है, बार बार मन में शंका आना जैसे मैंने गैस का स्विच बंद किया था या फिर नहीं या फिर दरवाज़ा या ताला बंद किया था या नहीं, ना चाहते हुए भी मन में गंदे और भद्दे विचार आना जैसे लक्षण इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।