crossorigin="anonymous"> पैरालंपिक खेलों में अवनि को लगातार दूसरा स्वर्ण मोना अग्रवाल ने जीता कांस्य - Sanchar Times

पैरालंपिक खेलों में अवनि को लगातार दूसरा स्वर्ण मोना अग्रवाल ने जीता कांस्य

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‘वंडर गर्ल’ अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई। जिन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस पैरालंपिक खेलों में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि भारत की ही मोना अग्रवाल को कांस्य पदक मिला। तीन साल पहले टोक्यो में स्वर्ण जीतने वाली 22 वर्ष की अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया। वहीं दो साल पहले निशानेबाजी में पदार्पण करने वाली मोना ने 228.7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता।


भारत के पैरालंपिक इतिहास में पहली बार दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं। जयपुर की रहने वाली अवनि पैरालंपिक से पहले स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उनकी पित्त की थैली की सर्जरी हुई जिसकी वजह से उन्हें डेढ़ महीने ब्रेक लेना पड़ा था। सर्जरी की वजह से उनका काफी वजन भी कम हुआ लेकिन तमाम कठिनाइयों का डटकर सामना करते हुए उन्होंने पेरिस में भारत का परचम लहराया।


अवनि कहा, ‘मैं देश के लिए पदक जीतकर खुश हू। अपनी टीम, अपने कोचों और अपने परिवार को धन्यवाद देना चाहती हूं।’ ग्यारह वर्ष की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। वह टोक्यो पैरालंपिक 2021 में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बनी थी। एसएच 1 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से, पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है।


क्वालीफिकेशन में पिछली चैंपियन अवनि ने 625.8 स्कोर किया और वह इरिना एस के बाद दूसरे स्थान पर रही। दो बार वि कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मोना ने क्वालीफिकेशन में 623. स्कोर कर पांचवां स्थान हासिल किया था। अब अवनि 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में उतरेंगी जिसमें वह पदक की प्रबल दावेदार है। पिछली बार टोक्यो में इस स्पर्धा में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। अवनि ने कहा कि राष्ट्रीय शिविर में सकारात्मक माहौल से उन्हें फिटनेस चिंताओं से निजात मिली। उन्होंने कहा, ‘शिविर का माहौल काफी सकारात्मक रहा। हम प्रक्रिया पर ध्यान दे रहे थे, परिणाम पर नहीं। अपेक्षाओं के दबाव को मैं सकारात्मक लेती हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करती हूं।’


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