संचारटाइम्स.न्यूज। कोयला अधिकारियों ने कोयला वेतन समझौता-11 को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट याचिका दायर की थी। बीते दिनों उच्च न्यायलय ने इस मामले पर सुनवाई की। मामले को लेकर हाईकोर्ट के फैसले मौहाल गर्म है जिसको लेकर 14 सितंबर को राची में बैठक बुलाई गई है। बैठक में कोयला श्रमिकों के बोनस सहित कोयला वेतन समझौता की अड़चन को लेकर मंथन होगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयला वेतन समझौता-11 को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले ने श्रमिकों में हड़कंप मचा दिया है। स्थिति यह है कि कोयला अधिकारियों व श्रमिकों के बीच दूरियां बढ़ गई है।
दरअसल, कोयला अधिकारियों ने ही कोयला वेतन समझौता 11 से उत्पन्न वेतन विसंगति को लेकर याचिका दायर की है। कोयला वेतन समझौता 11 से श्रमिकों को बढ़े हुए वेतन का लाभ मिल रहा। कोल इंडिया में 2.31 लाख कोयला मजदूरों को इस वेतन समझौते से फायदा हो रहा है।
अब देखना होगा कि इस मामले को लेकर आगे की क्या रणनीति होगी। केंद्रीय पांचों श्रम संगठन की रांची में 14 सितंबर को बैठक बुलाई गई है। बैठक में कोयला वेतन समझौता में बैठने वाले बीएमएस, एटक, इंटक, एचएमएस और सीटू के जेबीसीसीआई के सदस्य शामिल होंगे। बैठक में कोयला श्रमिकों को मिलने वाले बोनस को लेकर भी विचार विमर्श होगा। बता दें कि पिछली बार कोयला मजदूरों को 76500 रुपये बोनस मिला था। नवरात्र शुरू होने में करीब 35 दिन शेष बचा है।
कोयला मजदूरों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कोल इंडिया से भी लगातार बात हो रही है। कोयला श्रमिकों को वेतन समझौता का लाभ मिलता रहेगा। आगे क्या रणनीति बनती है। इसको लेकर 14 को रांची में बैठक बुलाई है। – के लक्ष्मा रेड्डी, बीएमएस व जेबीसीसीआई सदस्य
वहीं, जेबीसीसीआई सदस्य रमेंद्र कुमार ने कहा कि रांची में पांचों केंद्रीय यूनियन की बैठक बुलाई गई है। इसमें कोयला सेक्टर के मजदूरों की स्थिति को लेकर विस्तार से विचार कर आगे रणनीति तय की जाएगी। कोयला मजदूरों को एकजुटता बनाए रखने की जरूरत है। एकता में बड़ी ताकत है। इसके अलावा जेबीसीसीआई सदस्य, एसक्यू जामा ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन को इस पर गंभीरता बरतने की जरूरत है। रांची में होने वाली बैठक में आपस में तय कर निर्णय लिया जाएगा। कोयला वेतन समझौता के हर मुद्दों पर विस्तार से विचार किया जाएगा।