crossorigin="anonymous"> बिहार में जाति की राजनीति खत्म करने के लिए मोदी सरकार जरूरी : अमित शाह - Sanchar Times

बिहार में जाति की राजनीति खत्म करने के लिए मोदी सरकार जरूरी : अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह आज बिहार में चुनाव प्रचार करने पहुंचे हैं। झंझारपुर में जनसभा को करते हुए उन्होंने सीता माता की धरती से श्रीराम के नारे लगवाए। उन्होंने कहा कि हमारे कर्पूरी ठाकुर जी यहीं से (फुलपरास विधानसभा) विधायक बनकर जाते थे। इतने वर्षों तक कांग्रेस एंड कंपनी ने कर्पूरी ठाकुर जी का सम्मान नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देकर बिहार के समस्त पिछड़े समाज को सम्मानित किया।

शाह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी ने गरीब के घर से आकर बिहार के गरीब, दलित और पिछड़ों की आवाज बुलंद की और श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी गरीब चाय बेचने वाले के घर में जन्म लेकर पूरे देश भी में गरीबों के कल्याण का यज्ञ शुरू किया। उन्होंने कहा कि आज मोदी जी, देशभर के गरीब, पिछड़े, आदिवासी, दलित, वंचित के कल्याण के लिए काम करने वाले नेता के रूप में उभरे हैं। उन्होंने हुंकार भरते हुए कहा कि मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का मतलब है- बिहार से जातिवाद को समाप्त कर देना। देश से और बिहार से भ्रष्टाचार को समाप्त कर देना।

अमित शाह ने कहा कि अगर इंडी अलायंस की सरकार आएगी तो ये लोग प्रधानमंत्री पद को बांट लेंगे। एक साल शरद पवार जी प्रधानमंत्री होंगे, एक साल लालू जी प्रधानमंत्री होंगे, एक साल ममता जी प्रधानमंत्री होंगी, एक साल स्टालिन जी प्रधानमंत्री होंगे। और कुछ बचा कुचा होगा तो राहुल बाबा प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे जी कहते हैं कि राजस्थान और बिहार का कश्मीर से क्या लेना-देना है। अरे खड़गे साहब, कश्मीर के लिए बिहार का बच्चा-बच्चा अपनी जान देने के लिए तैयार है।

भाजपा नेता ने कहा कि मोदी जी का नेतृत्व ही देश को कोरोना से बचा सकता है, आतंकवाद से बचा सकता है और कश्मीर में शासन और सुशासन स्थापित कर सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी है और लालू जी भी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पिछड़ा वर्ग विरोधी कांग्रेस पार्टी की गोदी में बैठे हैं। अभी जो मंडल कमीशन के कारण आरक्षण मिला, वो 1957 में मिल जाता, लेकिन कांग्रेस ने काका कालेलकर की रिपोर्ट को रोक कर रखा और मंडल कमीशन का विरोध किया।


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