सत्य निरंजन / रोहतास ब्यूरो (संचारटाइम्स.न्यूज)
21 दिसंबर 2024 को आयोजित प्रेसवार्ता में अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के प्रांतीय सचिव कामरेड अशोक बैठा जी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा एनडीए सरकार द्वारा प्राकृतिक संसाधनों, जल, जंगल, जमीन और खनिजों को कारपोरेट अधिग्रहण के लिए आदिवासियों की जमीन से बेदखल किया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कामरेड बैठा ने सरकार से भूमि अधिग्रहण पुनर्विकास और पुनःस्थापना अधिनियम 2013 के पालन की मांग की और साथ ही वन अधिकार अधिनियम 2006 को लागू करने की बात की। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कैमूर पहाड़ पर जारी बाध अभिकरण योजना पर तत्काल रोक लगाने का भी आह्वान किया।
किसान नेताओं ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने जब तीन कृषि कानूनों को विरोध के दबाव में वापस लिया, तब अब वे कृषि उपज और बाजार भंडार से संबंधित नए नियमों को लागू कर किसानों और कृषि को संकट में डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस कानून के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया और कहा कि किसानों की भूमि को कॉर्पोरेट कंपनियों के हाथों में नहीं जाने देंगे।
अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा ने सरकार से मांग की कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत गांवों में 80 प्रतिशत किसानों से ग्राम सभा के माध्यम से लिखित अनुमति प्राप्त की जाए। इसके अलावा, एमएसपी की गारंटी देने, किसानों का कर्ज माफ करने, और किसानों पर लादे गए मुकदमे वापस लेने की भी मांग की गई।
कामरेड बैठा ने यह भी कहा कि ग्रेटर नोएडा में जेल में बंद किसान नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए और आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाले के साथ सरकार वार्ता कर अनशन समाप्त कराए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी प्रकार की घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा के केंद्रीय आह्वान पर, 23 दिसंबर 2024 को समाहर्ता कार्यालय के समक्ष केंद्र सरकार की नई कृषि उपज भंडार और बाजार नियमावली की कॉपी जलाने का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी किसान संगठन के नेता शामिल होंगे।
प्रेसवार्ता में इरफान अली, टीपू, श्याम सुंदर पाल, सोनू दबंग, राहुल दूसाद, बीरेंद्र कुमार मेहता, सोनू बैठा, सद्दू खान, शहजाद आलम और अन्य लोग उपस्थित थे।