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ST.News Desk : शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 पेश करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। इनमें से एक प्रमुख घोषणा थी कि किराए पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) की वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी जाएगी। इस कदम से करदाताओं को राहत मिलेगी, खासकर उन व्यक्तियों को जो किराए पर आय अर्जित करते हैं।
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सीतारमण ने यह भी बताया कि अब किसी भी आकलन वर्ष के लिए अद्यतन रिटर्न (Revised Return) दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ाकर चार वर्ष कर दिया जाएगा। यह प्रस्ताव मौजूदा दो साल की समय सीमा से अधिक होगा, जिससे करदाताओं को अपने रिटर्न के संशोधन के लिए अधिक समय मिलेगा।
2014 के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार के तहत लगातार 14वां बजट पेश करते हुए, निर्मला सीतारमण ने शिक्षा से संबंधित मामलों में भी कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए। उन्होंने प्रेषण के लिए स्रोत पर एकत्रित कर (TCS) की छूट का प्रस्ताव किया, विशेषकर उन मामलों में जहां शिक्षा ऋण निर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से लिया गया है।
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि 33,000 करदाताओं ने ‘विवाद से विश्वास 2.0’ योजना का लाभ उठाया है, जिससे प्रत्यक्ष कर विवादों को सुलझाने में मदद मिली है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक और अहम घोषणा की गई है, जिसमें उनकी ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा को दोगुना करके ₹1 लाख कर दिया गया है।
बजट में स्टार्टअप्स के लिए भी एक अहम घोषणा की गई, जिसमें इनकी निगमन (incorporation) की अवधि को पांच साल तक बढ़ा दिया गया है, जिससे उन्हें कर लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
इस बजट के माध्यम से सीतारमण ने देश के आर्थिक विकास को गति देने और करदाताओं को राहत देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
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