
जनता को उम्मीद थी विकास की सौगात, मिली सिर्फ भाषणबाजी
Bihar, Sasaram : ST.News Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया बिहार यात्रा को लेकर रोहतास जिले के लोगों में जबरदस्त उत्साह और अपेक्षा थी। वर्षों से विकास से वंचित इस ऐतिहासिक जिले के नागरिकों को उम्मीद थी कि इस बार प्रधानमंत्री कुछ ठोस घोषणाएं करेंगे — लेकिन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय कोआॅडिनेटर विचार विभाग मनोज कुमार सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति के बावजूद न तो कोई विकास योजना घोषित हुई और न ही कोई रोजगार संबंधित घोषणा की गई। एक बार फिर रोहतास को केवल प्रतीक्षा और निराशा मिली है।
न विकास की बात, न रोजगार की योजना
शहाबाद क्षेत्र को कमिश्नरी बनाने, रोहतास में एम्स की स्थापना, डालमियानगर रेल कारखाने को पुन: प्रारंभ करने और जलाशय परियोजना जैसी वर्षों पुरानी मांगों की अनदेखी इस बार भी हुई।
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के युवा आज भी रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। यदि डालमियानगर का रेल कारखाना चालू किया जाता, तो हजारों लोगों को स्थानीय रोजगार मिल सकता था। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें दोहरे इंजन के नाम पर केवल राजनीतिक लाभ उठाने में व्यस्त हैं, जबकि आम जनता की बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए जबरन भीड़ का सहारा
प्रधानमंत्री की रैली को भव्य बनाने के लिए एएनएम, जीविका दीदी और स्कूली बच्चों को जबरन कार्यक्रम में लाया गया। बावजूद इसके बड़ी संख्या में कुर्सियाँ खाली रहीं। जिस कार्यक्रम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, वह केवल एक राजनीतिक तमाशा बनकर रह गया।
विकास की जगह भावना पर राजनीति
प्रश्न उठता है कि बिहार जैसे राज्य के लिए बार-बार घोषणाएं तो होती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता। रोहतास जैसे जिला, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, आज भी विकास की दौड़ में पीछे क्यों है?
जनता के सब्र का इम्तिहान
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, बड़े नेताओं का दौरा बढ़ जाता है, लेकिन चुनाव बीतते ही सारी घोषणाएं ठंडे बस्ते में चली जाती हैं। क्या रोहतास के लोग केवल वोट बैंक बनकर रह गए हैं? — यह सवाल आज हर नागरिक के मन में है।
