
हांगझोउ। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले चैंिपयन जापान को एकतरफा फाइनल में 5-1 से हराकर नौ साल बाद एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और पेरिस ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत ने पिछली बार 2014 में इंचियोन खेलों में स्वर्ण पदक जीता था जबकि पिछली बार जकार्ता में टीम को कांस्य से संतोष करना पड़ा था।
मौजूदा टीम में से सिर्फ पूर्व कप्तान मनप्रीत सिंह और गोलकीपर पी आर श्रीजेश का ही यह दूसरा स्वर्ण है जो 2014 की टीम का भी हिस्सा थे। भारत ने हॉकी में इससे पहले 1966 और 1998 में बैंकाक में स्वर्ण पदक जीता था। दक्षिण कोरिया ने मेजबान चीन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह (32वां और 59वां मिनट), अभिषेक (48वां मिनट), अमित रोहिदास (36वां) और मनप्रीत सिंह (25वां) ने गोल किए। जापान के लिए एकमात्र गोल सेरेन तनाका ने 51वें मिनट में दागा।
हरमनप्रीत ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 13 गोल किए जबकि मनदीप सिंह ने 12 गोल दागे। भारत को पांचवें मिनट में गोल करने का मौका मिला जब ललित उपाध्याय ने बाएं फ्लैंक से शॉट लगाया लेकिन जापानी गोलकीपर ताकुमी कितागावा ने उसे बचा लिया। भारत को 15वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत सिंह की फ्लिक सीधे जापान के गोलकीपर के सामने गई। दूसरे क्वार्टर में भारतीयों ने लगातार हमले बोले जिसका फायदा दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन इस बार भी वैरिएशन पर रोहिदास निशाना चूक गए।
भारत का खाता 25वें मिनट में मनप्रीत ने खोला। ललित उपाध्याय सर्कल के भीतर गेंद लेकर गए और अभिषेक ने शुरुआती शॉट लिया जो जापानी गोलकीपर ने बचा लिया। सर्कल पर खड़े मनप्रीत ने रिवर्स पर सटीक निशाना साधकर गेंद गोल के भीतर डाल दी। तीसरे क्वार्टर में भारत ने पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल दागे। हरमनप्रीत ने 32वें मिनट में और रोहिदास ने चार मिनट बाद ये गोल किए। चौथे क्वार्टर में अभिषेक ने तीसरे मिनट में और हूटर से एक मिनट पहले हरमनप्रीत ने गोल करके भारत की शानदार जीत तय कर दी।

