यह पहली बार था जब कांग्रेस या भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई, और इसने दिल्ली में राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया
ST.News Desk : आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को अपनी स्थापना के 12 साल पूरे कर लिए। इस दौरान पार्टी ने भारतीय राजनीति में अपने पंख फैलाने के साथ-साथ कई राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। 2013 में पार्टी को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें मिलीं, और इसके बाद दिल्ली में लगातार सफलता हासिल होती रही। 2015 में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीतीं, जबकि 2020 में पार्टी ने 62 सीटें जीतीं। यह पहली बार था जब कांग्रेस या भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई, और इसने दिल्ली में राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया।
AAP ने दिल्ली में कांग्रेस के 15 साल के शासन को समाप्त किया और 2015 व 2020 में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी। 2023 में, पार्टी ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त किया और अब दिल्ली और पंजाब में सरकारों के अलावा गोवा, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में भी विधायक हैं।
AAP की यात्रा 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से शुरू हुई थी, जिसे अरविंद केजरीवाल ने नेतृत्व दिया। 2 अक्टूबर 2012 को पार्टी की स्थापना की घोषणा की गई और 26 नवंबर को पार्टी का औपचारिक रूप से शुभारंभ हुआ, जो भारतीय संविधान के अंगीकार की सालगिरह थी। AAP की सफलता भारतीय राजनीति में एक असामान्य कहानी बन गई है, क्योंकि नए राजनीतिक दलों के लिए सफलता प्राप्त करना कठिन होता है, लेकिन केजरीवाल और उनकी पार्टी ने इसे संभव किया।
अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के स्थापना दिवस पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “पिछले एक साल में हमें मिटाने की लाख कोशिशें की गईं, लेकिन हमारी ईमानदारी, जनता के प्यार और कार्यकर्ताओं के हौसले ने हमें और मजबूत बना दिया। हम संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई जारी रखेंगे।” उन्होंने कहा कि पार्टी की सफलता संघर्ष, बलिदान और जीत की कहानियों से भरी रही है और इसे देश के आम आदमी की ताकत से मजबूती मिली है।
पार्टी अब आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है, जो 2025 के पहले कुछ हफ्तों में होने की संभावना है। यह चुनाव पार्टी के भविष्य और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में उनकी राजनीति के अगले कदम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।