हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए सतर्क रहने की सलाह देते हैं
ST.News Desk : आजकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज पहले के मुकाबले काफी आसान हो गया है, लेकिन फिर भी लाखों लोग हर साल इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। कैंसर मुख्य रूप से आनुवंशिक और बाहरी कारणों के संयोजन से होता है और यह किसी भी उम्र और लिंग को प्रभावित कर सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए सतर्क रहने की सलाह देते हैं।
पुरुषों और महिलाओं में कैंसर के प्रकार अलग-अलग होते हैं। पुरुषों में कोलन, फेफड़े, त्वचा और प्रोस्टेट कैंसर के मामले अधिक होते हैं, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक रहता है। विशेष रूप से ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर है।
वैश्विक आंकड़ों के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है, लेकिन अब यह बीमारी कम उम्र की महिलाओं को भी प्रभावित करने लगी है। इस बीमारी से बचाव के लिए महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना चाहिए और कुछ लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिनसे ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हो सकती है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
स्तनों का आकार बदलना – यदि स्तनों के आकार में किसी तरह का बदलाव महसूस होता है या गांठ महसूस होती है, तो यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है।
स्तनों में दर्द – अगर आपको लगातार स्तनों में दर्द हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें।
निप्पल में बदलाव – निप्पल में सिकुड़न, लालिमा या असामान्य परिवर्तन होना।
निप्पल से डिस्चार्ज – कभी-कभी खूनी डिस्चार्ज भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय
वेट कंट्रोल – मोटापा ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए वजन को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है।
व्यायाम – नियमित शारीरिक गतिविधियां और व्यायाम ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को 10% तक कम कर सकते हैं।
स्वस्थ आहार – फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इनमें एंटीकैंसर और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं।
धूम्रपान और शराब से बचें – इनसे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए इनसे दूरी बनानी चाहिए।
समय रहते यदि लक्षणों पर ध्यान दिया जाए और विशेषज्ञ से सलाह ली जाए, तो ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है और इससे ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।