ST.News Desk : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर बना हुआ है, जिसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं। शुक्रवार से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण को लागू किया गया है, जो प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जीआरएपी-3 के तहत उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों में सड़कों से लगभग चार लाख वाहनों को हटाने का निर्णय लिया गया है। इस चरण के अंतर्गत बीएस III (पेट्रोल और डीजल) और बीएस IV (डीजल) श्रेणी की गाड़ियों को सड़कों पर चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका असर दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में देखा जाएगा, जहां इन गाड़ियों की संख्या काफी अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, गौतमबुद्ध नगर में 1.8 लाख बीएस III वाहन और गाजियाबाद में 2 लाख बीएस III वाहन हैं, जिन्हें अब सड़कों से हटाया जाएगा।
इस संदर्भ में, पुलिस और परिवहन विभाग ने कहा है कि जीआरएपी-3 के निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, प्रदूषण कम करने के लिए गाड़ियों की जांच और कार्रवाई बढ़ाई जाएगी, और जीआरएपी-3 के उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त किया जा सकता है।
नोएडा में कुल 10.4 लाख रजिस्टर्ड वाहन हैं, जिनमें से 1.4 लाख बीएस III श्रेणी के हैं, जिनमें 96,210 पेट्रोल और 41,067 डीजल वाहन शामिल हैं। इसके अलावा, 41,516 बीएस IV डीजल वाहन भी रजिस्टर्ड हैं। गाजियाबाद में 1.7 लाख बीएस III वाहन रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 1.6 लाख पेट्रोल और 10,931 डीजल वाहन हैं, जबकि 75,651 वाहन बीएस IV डीजल श्रेणी के हैं।
नोएडा के सहायक आरटीओ (प्रवर्तन) उदित नारायण पांडे ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि विभाग आरडब्ल्यूए और एओए से संपर्क करेगा और निवासियों को सूचित किया जाएगा कि वे प्रतिबंधित श्रेणी के वाहनों का उपयोग न करें। इसके अलावा, सड़क पर जांच तेज की जाएगी और प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त भी किया जा सकता है।