
रोहतास
हैदर अली, रोहतास ब्यूरो

आगामी 25 मई को राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) द्वारा आयोजित की जा रही संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली पर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। रोहतास जिला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) युवा प्रकोष्ठ ने इस रैली को लेकर आरएलएम प्रमुख और पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर तीखा हमला बोला है।
राजद युवा प्रकोष्ठ रोहतास के जिलाध्यक्ष शिवन्त कुशवाहा ने सासाराम में प्रेस वार्ता करते हुए कहा, “उपेंद्र कुशवाहा को बिहार की महंगाई, बेरोजगारी और युवाओं के पलायन जैसे गंभीर मुद्दे दिखाई नहीं दे रहे हैं। परिसीमन सुधार के नाम पर वह जनता को भटका रहे हैं, जबकि ज़रूरत है युवाओं को रोजगार और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं देने की।”
शिवन्त कुशवाहा ने यह भी आरोप लगाया कि आरएलएम इस रैली के जरिए राष्ट्रीय जातीय जनगणना जैसे ऐतिहासिक फैसले का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, जबकि इसकी मांग और पहल महागठबंधन और विशेषकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर से की गई थी।
उन्होंने कहा, “जातीय जनगणना की घोषणा केंद्र सरकार ने विपक्ष के दबाव में की है। राहुल गांधी ने संसद में यह मुद्दा मजबूती से उठाया, और बिहार में इसे लागू करवाने का श्रेय राजद और महागठबंधन को जाता है। एनडीए और उनके सहयोगी दल अब भ्रम फैला कर इसका क्रेडिट लेना चाह रहे हैं, लेकिन जनता उनके बहकावे में नहीं आने वाली है।”
युवा राजद नेता ने दावा किया कि भाजपा सरकार पहले इस जनगणना के खिलाफ थी और न्यायालय तक पहुंच गई थी, लेकिन जनता और विपक्ष के दबाव में आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा।
