ST.News Desk : दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान का समापन हो गया है। दिल्ली में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), आम आदमी पार्टी (AAP), और कांग्रेस के बीच है। 5 फरवरी को दिल्ली में वोट डाले जाएंगे और नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे। बीजेपी पिछले 25 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, और इस कारण पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को यकीन है कि वह लगातार तीसरे साल भी सत्ता में लौटेगी।
कांग्रेस ने भी दिल्ली में सत्ता में आने के लिए जमकर मेहनत की है। 2013 तक 15 वर्षों तक दिल्ली पर शासन करने वाली कांग्रेस ने चुनावी मैदान में अपनी पूरी ताकत लगाई है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भले ही चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है, लेकिन दिल्ली की जनता ने जो फैसला लिया है, उसकी झलक 5 फरवरी को दिखेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस बार चुनाव के लिए कड़ी मेहनत की है और पीएम मोदी के नाम और पहचान का उन्हें फायदा मिला है।
सचदेवा ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने दिल्ली के लिए काफी समय दिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई नेताओं ने विभिन्न बैठकों में भाग लिया। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता एक ऐसी सरकार के लिए वोट करेगी, जो ‘डबल इंजन’ से चलेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली को लड़ाई-झगड़े वाली सरकार नहीं चाहिए, बल्कि ऐसी सरकार चाहिए जो ‘खेलो इंडिया’ का समर्थन करती हो।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, 5 फरवरी को 1.56 करोड़ मतदाता 13,766 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे, जिनमें 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं, और 1,267 तीसरे लिंग के मतदाता हैं। विकलांग व्यक्तियों के लिए 733 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं और वरिष्ठ नागरिकों तथा विकलांगों के लिए घर पर मतदान सेवा उपलब्ध कराई गई है।