
झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुर्मी संगठन ने अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन को वापस ले लिया है। आंदोलन वापस लेने के बाद अब दक्षिण-पूर्व रेलवे (एसईआर) और पूर्व तटीय रेलवे (ईसीओआर) के अधिकार क्षेत्रों में चलने वाली ट्रेन अपने निर्धारित समय और मार्ग से चलेंगी।
निर्धारित समय पर चलेगी ट्रेने
रेलवे अधिकारी ने बताया कि कुर्मी समुदाय द्वारा 20 सितंबर से रेल ट्रैक को अवरुध करने के एलान के बाद झारखंड और ओडिशा में क्रमश: एसईआर और ईसीओआर के अंतर्गत चलने वाली कम से कम 11 ट्रेन को रद्द कर दिया गया था और 12 अन्य का मार्ग बदल दिया गया था। आंदोलन वापस लेने के बाद ईसीओआर ने बताया कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से सामान्य मार्गों पर ट्रेन चलाने का फैसला किया है। रांची रेल मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी निशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, जिन 11 ट्रेनों को रद्द और अन्य 12 का मार्ग बदल दिया गया था, उन्हें अब निर्धारित समय और मार्ग पर ही चलाया जाएगा।
आंदोलन वापस लेने की वजह बताते हुए पश्चिम बंगाल में आदिवासी कुर्मी समाज के नेता अजीत महतो ने कहा, ‘कुर्मियों ने रेल पटरियों को अवरुध करने की योजना को फिलहाल टाल दिया है, क्योंकि पुलिस हमारे वरिष्ठ नेताओं को प्रताड़ित कर रही है। हम 30 सितंबर को पुरुलिया में बैठक करने के बाद कदम उठाएंगे।’

हालांकि, झारखंड के अग्रणी कुर्मी संगठन टोटेमिक कुर्मी विकास मोर्चा (टीकेवीएम) के अध्यक्ष शीतल ओहदर ने बुधवार को अपना आंदोलन जारी रखने का दावा किया है। कुर्मी संगठन ने कुर्मी समुदाय को एसटी और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने की मांग की है। ओहदर ने कुर्मी सांसदों से संसद के विशेष सत्र में इस मुद्दे को उठाने की भी मांग की थी। झारखंड के मुरी, गोमोह, निमडीह, घाघरा स्टेशन, वहीं पश्चिम बंगाल के खेमासुली और कुस्तौर और ओडिशा में हरिचंदनपुर, जरईकेला और धानपुर में ट्रेन ट्रेक को 20 सितंबर से अवरुध करने की योजना बनाई गई थी।
