
सासाराम
हैदर अली, रोहतास ब्यूरो

भीषण गर्मी के बीच शुक्रवार को हुई कुछ देर की बारिश ने नगर निगम के नाला सफाई के दावों की पोल खोल कर रख दी। बारिश के बाद अनुमंडल कार्यालय परिसर से लेकर शहर के कई मोहल्लों तक जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे स्थानीय लोगों और सरकारी कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

अनुमंडल परिसर में स्थित कोषागार कार्यालय, निबंधन कार्यालय, डीसीएलआर ऑफिस, एसडीपीओ कार्यालय और कोर्ट हाजत तक जलभराव से प्रभावित हो गए। इस मार्ग से होकर आने-जाने वाले आम लोग, अधिवक्ता और कर्मचारी कीचड़युक्त पानी से होकर गुजरने को विवश रहे।
स्थानीय नागरिकों और अधिवक्ताओं ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि “अगर न्यायालय और हाकिमों के दफ्तर का यह हाल है, तो आम जनता के लिए स्थिति क्या होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है।” सिविल कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नालों की सफाई केवल कागजों तक सीमित है।

नगर निगम के अनुसार, शहर के अधिकार क्षेत्र में 105 छोटे-बड़े नाले हैं। स्वच्छता पदाधिकारी कुमार अनुगम ने बताया कि अब तक 28 नालों की पूरी सफाई की जा चुकी है। जिन इलाकों के नालों की सफाई का दावा किया गया है, उनमें बारडीह गांव, नायक नाला, उचितपुर गेट, लालगंज बुद्धा होटल, कुम्हऊ, रॉयल पैलेस तकिया से नहर तक, राज कॉलोनी से रेलवे लाइन, जगजीवन आश्रम, मदरसा से खानकाह रोड, और बड़ा शेखपुरा शामिल हैं।
हालांकि, जमीनी हकीकत इससे उलट है। बारिश के महज कुछ मिनटों बाद ही शहर के मुख्य दफ्तरों और रिहायशी इलाकों में जलजमाव हो जाना नगर निगम की तैयारी और नाला सफाई अभियान पर सवाल खड़े करता है।
बरसात से पहले किए गए वादे, जिनमें जल निकासी की दुरुस्ती और सफाई को प्राथमिकता देने की बात कही गई थी, वह फिलहाल फेल होते दिख रहे हैं। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि इस मानसून में शहर फिर जलजमाव की गिरफ्त में आ सकता है।
