
ST.News Desk

नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न सिर्फ महात्मा गांधी के विचारों से बल्कि गरीबों के अधिकारों से भी गहरी नफरत है। राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा को खत्म करना ग्रामीण भारत की आर्थिक सुरक्षा पर सीधा हमला है।
मनरेगा को बताया ग्रामीणों का सुरक्षा कवच
राहुल गांधी ने मनरेगा को महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत उदाहरण बताते हुए कहा कि यह करोड़ों ग्रामीण परिवारों की जिंदगी का सहारा है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान यह योजना ग्रामीण आबादी के लिए एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच साबित हुई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी को मनरेगा शुरू से ही पसंद नहीं रही है और बीते दस वर्षों से इसे कमजोर करने की कोशिशें लगातार की जाती रही हैं। अब सरकार इस योजना को पूरी तरह खत्म करने पर आमादा है।
मनरेगा की मूल भावना पर हमला
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा तीन बुनियादी विचारों पर आधारित है- रोज़गार का अधिकार: काम मांगने पर हर व्यक्ति को रोज़गार की गारंटी।
गांव की स्वतंत्रता: विकास से जुड़े कामों को तय करने का अधिकार गांवों को।
वित्तीय ढांचा: मज़दूरी का पूरा खर्च केंद्र सरकार और सामग्री लागत का 75 प्रतिशत केंद्र द्वारा वहन। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अब इस व्यवस्था को बदलकर सारी शक्ति केंद्र के हाथों में केंद्रित करना चाहती है।
प्रस्तावित बदलावों पर सवाल
राहुल गांधी के मुताबिक नए ढांचे में— बजट, योजनाएं और नियम पूरी तरह केंद्र सरकार तय करेगी।
राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा। बजट खत्म होते ही या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक ग्रामीणों को काम नहीं मिलेगा।
‘जनविरोधी बिल’ करार
राहुल गांधी ने प्रस्तावित नए बिल को महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पहले ही भीषण बेरोजगारी के जरिए युवाओं का भविष्य बर्बाद कर चुकी है और अब यह फैसला ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोज़ी-रोटी छीनने की साजिश है।
नई योजना की तैयारी
गौरतलब है कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने मनरेगा को समाप्त करने का फैसला लिया है। इसकी जगह सरकार ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी वीबी जी राम जी नाम से एक नई रोजगार योजना शुरू करने की तैयारी कर रही है। इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छिड़ी हुई है।

